सोयाबीन की फसल मंडी में आ चुकी है इस वर्ष मंडी के जानकारों एवं किसानों के अनुसार सोयाबीन के भाव काफी ऊपर जाएंगे जबकि अभी मंडियों में सोयाबीन की फसल 6000 से 9000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से मिल रही है अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सोयाबीन के भाव में उछाल देखने को मिल रहा है।
भारत से अंतरराष्ट्रीय मार्केट के लिए सोयाबीन का तेल, तिल तेल, बादाम तेल इन सभी तेलों की डिमांड साल भर रहती है इसके साथ ही साथ भारतीय मसालों की मांग भी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पूरे वर्ष बनी रहती है।
सोयाबीन के साथ ही साथ मंडी में कपास, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, उड़द, गन्ना,जुट इत्यादि फसलें भी आ चुकी है।
सोयाबीन के बीजों से तेल निकालने के बाद उसके बचे हुए भूसे से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं जिस की डिमांड भारतीय बाजारों में है।
आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि सोयाबीन का भाव अभी कुछ मंडियों में क्या चल रहा है।
इसके साथ ही साथ जानेंगे कि सोयाबीन से बनने वाले खाद्य पदार्थ किस प्रकार के है अब मार्केट में सोयाबीन का दूध भी उपलब्ध हो गया है जिसे लोग गाय के दूध की जगह प्रयोग कर रहे हैं।
इसके साथ ही साथ सोयाबीन से बनने वाला टोफू जो दिखने एवं खाने में बिल्कुल पनीर की तरह है और पौष्टिकता के मामले में भी पनीर को टक्कर दे रहा है तो चलिए जानते हैं।
सोयाबीन पैकेट फूड
सोयाबीन के बीज से तेल निकालने के बाद उससे जो बचे हुए भूसे होते हैं उनसे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का निर्माण किया जाता है। यह तो हम सब जानते हैं कि सोयाबीन में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।
हमारे शरीर के लिए उपयुक्त होते हैं सोयाबीन से सोयाबीन बड़ी, सोया चाप, सोया सॉस, सोया चिल्ली सॉस, सोयाबीन का आटा, सोयाबीन कुकीज, सोया नगेट्स,
सोयाबीन चॉकलेट, सोया टोफू, सोया मिल्क, सोयाबीन एनर्जी ड्रिंक, सोया प्रोटीन पाउडर, सोयाबीन हेल्थ ड्रिंक इत्यादि आपको अपने आसपास के ऑनलाइन या ऑफलाइन मार्केट में आसानी से मिल जाएंगे।
इन सबके अलावा सोयाबीन से निकलने वाला तेल जिसका इस्तेमाल हम सभी के घरों में लगभग रोजाना ही होता है। इसके अलावा बाजार में भी आपको सोयाबीन से बनने वाले अनेक प्रकार के व्यंजन मिल जाएंगे।
जिसे लोग बहुत ही शौक से खाते हैं जैसे सोया नगेट्स, सोया चाप करी, सोयाबीन रोल, सोया पुलाव यह आपको रोड साइड ठेले से लेकर के बड़े-बड़े रेस्टोरेंट्स और होटल में आसानी से उपलब्ध मिलेंगे।
सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य
सरकार द्वारा कई फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया जाता है जिसके अंतर्गत इस वर्ष सोयाबीन पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया गया था
लेकिन जैसे ही अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोयाबीन के मूल्य में उछाल देखने को मिला सरकार द्वारा सोयाबीन पर लगाया गया पुराना न्यूनतम समर्थन मूल्य हटा करके नया न्यूनतम समर्थन मूल्य लगा दिया गया।
सरकार द्वारा लगाया गया पुराना न्यूनतम समर्थन मूल्य 3950 रुपए प्रति क्विंटल था जबकि जो मूल्य अभी बढ़ाकर लगाया गया है वह है 4300 रुपए प्रति क्विंटल।
किसानों को इस मूल्य से नीचे जा करके अपनी फसल नहीं बेचनी है और व्यापारी भी किसानों से इस मूल्य से नीचे जा करके उनकी फसल नहीं खरीद सकते हैं।
न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के हित में लगाया जाता है ताकि व्यापारी उन्हें कम मूल्य देकर के उनकी फसल ना खरीद लें ।
सोयाबीन की फसलों में भी बहुत सारी प्रजातियां होती हैं जिनमें से कुछ की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है तो कोई निम्न गुणवत्ता वाली होती है।
मंडी में अच्छी गुणवत्ता वाली सोयाबीन की प्रजातियों को व्यापारी मुंह मांगी कीमत देकर खरीद लेते हैं वही जिस सोयाबीन में गुणवत्ता निम्न होती है।
उनके मूल्य व्यापारियों द्वारा किसानों को सही नहीं दिए जाते हैं इन्हीं सब कारणों को देखते हुए सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी कि सरकारी रेट फसलों के लिए लाया गया है।
सोयाबीन का उत्पादन
सोयाबीन का उत्पादन पूरे विश्व में सबसे ज्यादा ब्राजील में होता है उसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है जो कि दूसरे नंबर पर आता है।
भारत में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में सोयाबीन की व्यापक रूप से खेती की जाती है जिसमें से पूरे देश में जितना सोयाबीन का उत्पादन होता है उसका लगभग 50% सोयाबीन महाराष्ट्र में उत्पादित किया जाता है।
जबकि मध्यप्रदेश में भी अच्छी गुणवत्ता वाली सोयाबीन का उत्पादन होता है और मध्यप्रदेश में ही एक रिसर्च सेंटर भी बनाया गया है।
जहां पर सोयाबीन की नई नई प्रजातियों की खेती के बारे में रिसर्च किया जाता है राजस्थान के बारा एवं कोटा राज्य में सोयाबीन की खेती प्रचुर मात्रा में की जाती है।
सोयाबीन को शाकाहारी मटन भी कहा जाता है सभी शाकाहारी व्यक्तियों के लिए एक पौष्टिकता भरा खाद्य पदार्थ है। यह हर आयु वर्ग के लोगों के लिए उत्तम है।
सोयाबीन का भाव मंडी में
कृषि उपज मंडिया | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
उज्जैन मंडी | 4195 | 7690 |
रतलाम मंडी | 5180 | 7730 |
हरदा मंडी | 4515 | 7790 |
विदिशा मंडी | 4395 | 7700 |
अमरावती मंडी | 4895 | 7050 |
महाराष्ट्र- जालना मंडी | 4080 | 7300 |
बारा मंडी | 5095 | 7630 |
करंजा मंडी-महाराष्ट्र | 3665 | 7090 |
जावरा मंडी | 3450 | 7650 |
इंदौर मंडी | 5015 | 7700 |
बासवारा मंडी | 5140 | 7580 |
मंदसौर मंडी | 4085 | 7720 |
गुजरात राजकोट मंडी | 4420 | 7380 |
उत्तर प्रदेश ललितपुर मंडी | 4580 | 5900 |
कोटा मंडी | 4855 | 7600 |
मांलगढ़-राजस्थान मंडी | 5015 | 7630 |
बिहार बेगूसराय मंडी | 4000 | 4290 |
टोंक मंडी | 6025 | 7640 |
प्रतापगढ़ मंडी | 7345 | 7660 |
किशनगंज मंडी | 5170 | 6940 |
सोयाबीन में प्रोटीन
सोयाबीन में आयरन, अमीनो अम्ल, फाइबर, मिनरल्स, कैलशियम, मैग्निशियम, विटामिन B12 इत्यादि पाए जाते हैं इसके अंतर्गत कैल्शियम होने के कारण सोयाबीन हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत रखने में सहायता प्रदान करता है।
इसके साथ ही साथ आयरन हमारे शरीर से एनीमिया जैसे परेशानियों को दूर रखता है इन सबके अलावा शुगर पेशेंट, बीपी पेशेंट, सोयाबीन का नियमित रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं।
सोयाबीन हमारी पाचन प्रक्रिया को भी तंदुरुस्त रखता है सोयाबीन के नियमित इस्तेमाल करने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और हम कम बीमार होते हैं।
निष्कर्ष
हमने अपने आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को भारत के कुछ मंडियों में भी सोयाबीन का मूल्य क्या चल रहा है इसकी जानकारी प्रदान की है इसके साथ ही साथ सोयाबीन के भाव अभी और बढ़ेंगे इसके बारे में भी बताया है।
सोयाबीन से बनने वाले अनेकों प्रकार के पैकेट फूड और फ्रोजन फूड के बारे में भी चर्चा की है सोयाबीन हमारे शरीर एवं स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है।हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।