इस वर्ष सोयाबीन की पैदावार काफी अच्छी हुई है सोयाबीन दलहन की फसल है और इसमें भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं इस वर्ष मंडी के जानकारों के अनुसार सोयाबीन की फसल के मूल्य काफी अच्छे किसानों को प्राप्त होंगे।
अभी सोयाबीन का मूल्य कुछ मंडियों में 7000 से शुरू होकर के 9000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया है लेकिन इसके बाद भी सोयाबीन के मूल्य बढ़ने के आसार हैं।
अब भारत में उन्नत किस्म के बीजों का प्रयोग किया जाता है फसलों के उत्पादन के मामले में और खेती की तकनीकों में भी काफी सुधार लाया गया है।
सोयाबीन की खेती मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं महाराष्ट्र में व्यापक रूप से की जाती है और इनमें से भी सबसे ज्यादा खेती महाराष्ट्र में होती है।
इसके बाद राजस्थान के बारा और कोटा में सोयाबीन की खेती की जाती है मध्य प्रदेश में सोयाबीन का एक रिसर्च सेंटर भी स्थापित किया गया है जहां सोयाबीन के उच्च तकनीक और उत्पादन क्षमता को किस प्रकार बढ़ाया जाए इस पर रिसर्च किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोयाबीन के भाव में उछाल देखने को मिल रहा है। भारतीय मसालों एवं सोयाबीन का तेल, तिल का तेल और बादाम का तेल विदेशों में भी निर्यात किया जाता है और पूरे साल भर इसकी डिमांड बनी रहती है।
आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे सोयाबीन का मूल्यआपके आसपास की मंडियों में क्या चल रहा है और सरकार द्वारा कितना न्यूनतम समर्थन मूल्य सोयाबीन पर लगाया गया था।
जिसे अभी कुछ दिन पहले ही बढ़ाया गया है और सोयाबीन के कौन-कौन से पैकेट फूड मार्केट में है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं तो चलिए जानते हैं।
सोयाबीन का भाव मंडी में
कृषि उपज मंडिया | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
उज्जैन मंडी | 4195 | 7690 |
रतलाम मंडी | 5180 | 7730 |
हरदा मंडी | 4515 | 7790 |
विदिशा मंडी | 4395 | 7700 |
अमरावती मंडी | 4895 | 7050 |
महाराष्ट्र- जालना मंडी | 4080 | 7300 |
बारा मंडी | 5095 | 7630 |
करंजा मंडी-महाराष्ट्र | 3665 | 7090 |
जावरा मंडी | 3450 | 7650 |
इंदौर मंडी | 5015 | 7700 |
बासवारा मंडी | 5140 | 7580 |
मंदसौर मंडी | 4085 | 7720 |
गुजरात राजकोट मंडी | 4420 | 7380 |
उत्तर प्रदेश ललितपुर मंडी | 4580 | 5900 |
कोटा मंडी | 4855 | 7600 |
मांलगढ़-राजस्थान मंडी | 5015 | 7630 |
बिहार बेगूसराय मंडी | 4000 | 4290 |
टोंक मंडी | 6025 | 7640 |
प्रतापगढ़ मंडी | 7345 | 7660 |
किशनगंज मंडी | 5170 | 6940 |
न्यूनतम समर्थन मूल्य
सबसे पहले हम बात करेंगे सोयाबीन की फसल पर लगाए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में अभी कुछ महीने पहले सरकार द्वारा सोयाबीन की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया गया था।
जो कि था 3950 रुपए प्रति क्विंटल, सरकार द्वारा कुछ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया जाता है।
ताकि किसानों को कम से कम फसल की लागत मिल जाए और उन्हें नुकसान ना हो, लेकिन जैसे ही अंतरराष्ट्रीय मार्केट में सोयाबीन के मूल्य में उछाल देखने को मिला।
सरकार द्वारा सोयाबीन की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाकर कर 4300 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
सोयाबीन के बीज से तेल निकालने के बाद उसके बचे भूसे से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का निर्माण किया जाता है।
यह तो हम सब जानते हैं कि सोयाबीन में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैं सोयाबीन को वेजिटेरियन मटन भी कहा जाता है।
शाकाहारी, मांसाहारी एवं वीगन हो रहे लोग भी इसे काफी पसंद करते हैं । सोयाबीन खरीफ फसल के अंतर्गत आता है और सोयाबीन के अलावा मंडी में अभी मूंग, गन्ना, जूट , कपास, बाजरा, ज्वार, मूंगफली, उड़द यह सभी फसलें भी आ चुकी हैं।
सोयाबीन से खाद्य पदार्थ
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि सोयाबीन के बीज से तेल निकालने के बाद जो उसका भूसा बचता है उसे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का निर्माण किया जाता है।
जैसे कि सोया सॉस, सोया चाप, बेबी फूड, कुकीज़ , चॉकलेट, सोयाबीन का आटा, सोया चिल्ली सॉस, सोया मिल्क, सोया प्रोटीन, हेल्थ ड्रिंक, सोया एनर्जी ड्रिंक,टोफू, सोयाबीन की बड़ी इत्यादि।
अब जो लोग वीगन हो रहे हैं वह दूध से बने प्रोडक्ट को इस्तेमाल नहीं करते और ना ही दूध लेना पसंद करते हैं।
अब वह दूध की बजाय सोया मिल्क लेना पसंद करते हैं इसके साथ ही साथ वह पनीर की जगह टोफू जो बिल्कुल पनीर जैसा होता है और प्रोटीन के मामले में भी सही होता है उसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
जो लोग डाइटिंग करते हैं वह भी सोयाबीन को अपने रोज के खानपान में शामिल करते हैं सोयाबीन के इस्तेमाल से शरीर में पौष्टिक तत्व बरकरार रहते हैं और पेट भी भरा भरा लगता है। सोयाबीन को सुपर फूड की भी उपाधि दी गई है।
सोयाबीन के तेल का इस्तेमाल हम सबके घरों में रोजाना होता है इसके साथ ही साथ बड़े-बड़े रेस्टोरेंट्स, मॉल, ठेले , रेडी इन सभी जगहों पर सोयाबीन तेल का इस्तेमाल किया जाता है।
जो स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है इसके अलावा बाजार में आपको सोयाबीन के एक से बढ़कर एक व्यंजन आसानी से मिल जाएंगे।
जैसे सोया चाप करी, सोयाबीन पुलाव, सोया रोल, सोया चिल्ली, पास्ता, पिज्जा, थाई करी ,मोमो इन सभी में सोयाबीन का इस्तेमाल किया जाता है जिससे लोगों को पौष्टिकता भी मिलती है।
सोयाबीन का नियमित रूप से इस्तेमाल करने से हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है शुगर पेशेंट भी सोयाबीन को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।
इससे उनका शुगर तो नियंत्रित रहेगा ही उनके शरीर में पौष्टिकता भी बनी रहेगी और उन्हें थकान और कमजोरी नहीं महसूस होगी।
सोयाबीन के नियमित रूप से इस्तेमाल करने से हमारा पाचन तंत्र भी मजबूत रहता है। सोयाबीन का स्वाद हर आयु वर्ग के लोगों को पसंद आता है।
निष्कर्ष
हमने आज अपने आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को सोयाबीन का मूल्य अभी आसपास की मंडियों में क्या चल रहा है।
इसकी जानकारी प्रदान की इसके साथ ही साथ सरकार द्वारा बढ़ाए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में भी बताया है। सोयाबीन के इस्तेमाल से हमारे शरीर को किस प्रकार से लाभ मिलता है।
इसके बारे में भी चर्चा की है। हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।