खेती के कामों में व्यस्त रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए खुशखबरी आ चुकी है, क्योंकि खाद के मूल्यों में गिरावट साफ तौर से देखी जा सकती है. आज हम आपको इसके लेटेस्ट प्राइस के बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं.
रबी के सीजन में सर्वाधिक किसानों के द्वारा खेती के कार्य किए जाते हैं. ऐसे में किसानों को खाद की आवश्यकता तो पड़ती ही है. कई बार तो यह भी देखने को मिलता है, की मांग अधिक होने के परिणाम स्वरूप किसानों को महंगे मूल्यों पर डीएपी खाद खरीदना पड़ता है.
किंतु अब सरकार ने ऐसी व्यवस्था सभी किसानों के हित के लिए प्रारंभ कर दी है, जिसमें किसानों को महंगे में नहीं अपितु सस्ते दरों में ही खाद प्राप्त हो सकते हैं.
डी.ए.पी के मूल्य
आज के इस पोस्ट को प्रारंभ करने से पूर्व हम इस बात की जानकारी प्रदान कर देना चाहेंगे कि डीएपी खाद के मूल्य केवल ₹1350 निर्धारित किए गए हैं. यूरिया की कीमत भी केवल ₹276 ही तय है.
अब प्रश्न यह भी उठता है कि खाद की कितनी कीमत है? इसका विवरण हमने नीचे प्रदान किया है. इस वजह से आपको बिल्कुल भी चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है.
यूरिया डीएपी फ़र्टिलाइज़र के प्राइस सस्ते हो चुके हैं. किसानों में खुशी का माहौल इसके परिणाम स्वरूप बन चुका है.
यदि आप जानना चाहते हैं कि आज के ताज़े मूल्य क्या है? तो यह जानने के लिए ही सरकार के द्वारा खाद के दामों की सूची जारी कर दी गई है.
अर्थात किसानों को अब सस्ते दामों पर खाद खरीदने का अवसर सरकार की ओर से प्राप्त हो रहा है.
खाद और उनके मूल्य
हमने नीचे खाद का नाम उल्लेखित किया है, इसके साथ ही साथ इसके लिए कितने रुपए देने पड़ रहे हैं? इसका भी विवरण उपलब्ध किया है.
यदि आप यूरिया की खरीदारी करते हैं तो इसके लिए आपको ₹266 देने होंगे. डीएवी की खरीदारी हेतु किसानों को ₹1350 का भुगतान करना पड़ता है.
एनपीके (12.32-16-0) की खरीदारी के लिए ₹1470, इसके साथ ही यदि आप एनपीके (10-26-26) की खरीदारी करते हैं, तब भी आपको ₹1470 ही देने पड़ेंगे.
इन सब के अतिरिक्त यदि आप एनपीके (20-20-0-13) की भी खरीदारी करते हैं, तो इसके लिए आपको ₹1470 देने होंगे.
एमओपी की कीमत की यदि बात की जाए तो यह ₹1700 निर्धारित की गई है. इसके अतिरिक्त एसएसपी आपको ₹400 में ही प्राप्त हो जाएगी.
आपको हम इसका स्पष्टीकरण पहले ही प्रदान कर दे कि, डीएपी के मूल्य केवल ₹1350 हैं. वहीं यूरिया के मूल्य भी ₹276 प्रति बोरी के हिसाब से तय है.
फसलों में खाद की आवश्यकता
अक्सर फसलों में खाद डाला जाता है, जिससे कि फसल से कम समय में बेहतर उत्पाद प्रदान कर सके. प्रत्येक फसल में खाद डाला जाता है हालांकि किस फसल में कौन सी खाद डाली जाएगी? यह पूर्व निर्धारित होता है.
अच्छी फसल के लिए यह बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है, कि उसे पर्याप्त मात्रा में धूप और खनिज की प्राप्ति हो.
लेकिन यदि वास्तविकता में अच्छी फसल की आवश्यकता होती है, तो उसके लिए फसलों को खाद देने की जरूरत पड़ती है, उसके बाद जाकर के कहीं फसल से मुनाफा प्राप्ति की उम्मीद की जा सकती है.
क्या खाद प्रारंभ से ही दिए जा रहे हैं?
अब प्रश्न यह भी उठता है कि खाद जो है वह रासायनिक उर्वरक होते हैं, तो क्या फसलों में इनका प्रयोग सदैव से ही होता रहा है? तो इसका उत्तर है नहीं.
अर्थात फसलों में सदैव से ही रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया जाता था, किंतु उस समय में मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बनाने हेतु क्या किया जाता होगा?
हम इसका उत्तर प्रदान करते हुए हम यह कहना चाहेंगे कि प्रारंभ में तो मिट्टी की उर्वरता बनाने के लिए गाय के गोबर तथा राख का प्रयोग किया जाता था. जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में खास प्रभाव नहीं पड़ता था.
हालांकि इन प्राकृतिक उर्वरकों के द्वारा उपजाऊ क्षमता को बनाए रखना काफी ज्यादा लंबे समय की प्रक्रिया थी.
इसके अतिरिक्त गोबर तथा राख के प्रयोग से फसलों के उत्पादन में भी कोई खास वृद्धि नहीं होती थी.
रासायनिक उर्वरक के प्रभाव
जैसे-जैसे मनुष्य ने अपने प्रौद्योगिकी का विकास कर लिया है. वैसे वैसे ही अब प्रत्येक स्थान पर विज्ञान अपनी जगह बनाता चला जा रहा है.
जहां खेतों में मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बनाए रखने हेतु गोबर और (राख) पोटाश का प्रयोग किया जाता था.
अब इनके स्थान पर रासायनिक उर्वरक आ चुके हैं, हालांकि यह कम समय में और बेहतर परिणाम प्रदान करते हैं. इस वजह से लोगों के द्वारा इन्हीं प्राथमिकता दी जाती है.
रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग से फसल के उत्पादन में वृद्धि होती ही है, इसके साथ ही साथ फसलो से होने वाले फायदे भी किसान भाइयों को प्रत्यक्ष रुप से प्राप्त होते हैं.
डीएपी किस प्रकार का होता है?
अब बात करें डीएपी की तो यह एक खाद है जिसका प्रयोग फसलों के उत्पादन में किया जाता है. किसानों के द्वारा इसका प्रयोग बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है.
डीएपी खाद के प्रयोग से फसल कम समय में और बेहतर उत्पादन प्रदान करने हेतु सक्षम हो पाते हैं.
इसके साथ ही साथ यदि बात की जाए डीएपी की तो इसके मूल्यों में अभी गिरावट से किसान भाइयों को बहुत ही ज्यादा राहत प्राप्त हुई है.
जिन भी किसानों ने डीएपी खाद प्रयोग किया है, उन्हें पता है कि यह दिखने में कैसे होते हैं? किंतु जिन्होंने इसका प्रयोग नहीं किया है उन्हें इस विषय में जानकारी नहीं होती है,
तो हम उन्हें इस बात की जानकारी प्रदान कर दें कि डीएपी आकार में छोटे-छोटे गोलियों के समान होती है.
जो कि चीनी के आकार मात्र की होती है किंतु यह गोल होती है. इसके साथ ही साथ यह रंग में काली भी होती है. कृषि संबंधित क्षेत्रों में इसका प्रयोग बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है.
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आप सभी लोगों के समक्ष डीएपी खाद के मूल्यों से संबंधित आवश्यक जानकारी प्रस्तुत कि है.
हम आशा करते हैं कि हमारे द्वारा प्रदान की गई यह सभी जानकारियां आप को लाभान्वित करेंगी