जहां सामान्य लोग टमाटर की महंगाई से परेशान हैं, वहीं परंतु, प्याज की कीमतों में वृद्धि ने उन्हें और भी चिंतित कर दिया है। इस मामले में, लोग प्याज की महंगाई को लेकर अपनी चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
जहां आम जनता को टमाटर की महंगाई से परेशानी हो रही है, वहीं उनके लिए प्याज की कीमतों का भी सवाल उठ रहा है। प्याज की मूल्यों में भी वृद्धि के कारण लोग परेशानी झेल रहे हैं। यहाँ तक कि प्रयागराज की सभी फुटकर मंडियों में प्याज का मूल्य 30 से 40 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गया है।
यहाँ तक कि सावन के महीने में प्याज की मांग में कमी होने के कारण, उसकी कीमतों में गिरावट आ सकती है, लेकिन टमाटर की तरह ही प्याज की भी मांग बढ़ सकती है। इसी बीच, शहर की फुटकर मंडियों में टमाटर की कीमतों में कमी देखने को मिल रही है।
प्याज की तरफ से बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से उसकी आपूर्ति में कमी हो रही है। नासिक और मध्य प्रदेश से प्याज की आपूर्ति आने वाले महीने की तुलना में मुंडेरा मंडी में मांग के अनुसार कम है। हालांकि प्याज अभी अत्यधिक महंगा नहीं है, लेकिन सावन के महीने के साथ ही उसकी कीमतों में वृद्धि की संभावना है।
मुंडेरा मंडी में शनिवार को प्याज की कीमत 25 रुपये प्रति किलो थी, जबकि शहर की फुटकर मंडियों में यह 30 से 40 रुपये प्रति किलो तक पहुँच गई थी। विशेषज्ञों के अनुमानों के अनुसार, अगस्त के महीने तक प्याज की कीमत 60 से 70 रुपये प्रति किलो तक पहुँच सकती है। खरीफ महीने से अक्टूबर के आने से प्याज की आपूर्ति में सुधार होने की आशा है, जिससे कीमतों में कमी आ सकती है।
टमाटर हुए पहले से सस्ते
टमाटर की कीमतों में भी पिछले कुछ दिनों में 60 से 70 रुपये की कमी देखने को मिली है, और अब टमाटर की कीमतों में और भी कमी की संभावना है। शनिवार को मुंडेरा मंडी में एक कैरेट टमाटर की कीमत 1500 रुपये थी, जबकि कई जगह शहर की फुटकर मंडियों में टमाटर 100 रुपये प्रति किलो से भी कम मिल रहे थे।
स्थानीय सब्जी विक्रेता कमलेश सोनकर ने बताया कि पिछले तीन दिनों से टमाटर की कीमत में कमी आ रही है और अब वृद्धि भी संभावित है।
इसके साथ ही, मुंडेरा फल सब्जी व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा ने बताया कि प्याज की कीमत बढ़ गई है, जबकि टमाटर की कीमत में कमी आई है। प्याज की थोक मूल्य पिछले महीने 15 रुपये प्रति किलो थी, जबकि अब यह 25 रुपये प्रति किलो है। यहाँ तक कि आने वाले समय में प्याज की कीमत में और भी वृद्धि संभावित है।
प्याज का निर्यात किन-किन देशों को होता है (To Which Countries is Onion Exported?)
विश्वभर में प्याज के उत्पादन के क्षेत्र में चीन प्रमुख है, जबकि दूसरे स्थान पर भारत है। आपको यह जानकर हर्ष होगा कि विश्व में कुल प्याज की 25 फीसदी उत्पादन भारत से होता है। साथ ही, प्याज की निर्यात के मामले में भारत पूरी दुनिया में शीर्ष पर खड़ा है।
भारत से प्याज का निर्यात नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरातों (UAE) में होता है।यह दरअसल ऐसे समय में महत्वपूर्ण होता है जब भारत में प्याज की मूल्यों में वृद्धि होती है, क्योंकि ऐसे में उपरोक्त देशों को तुर्की, चीन, मिस्र और म्यांमार जैसे देशों से प्याज का आयात करना पड़ सकता है।
कौन-सा प्याज अधिक समय तक टिकता है (Which Onion Lasts Longer)
रबी फसल के समय उगाई जाने वाली प्याज को आमतौर पर 4 से 6 महीने तक कोल्ड हाउस में सुरक्षित रखा जाता है। इसके खिलाफ, खरीफ फसल के समय उगने वाले लाल प्याज का केवल पंद्रह से बीस दिनों तक ही अवशेष रहने का समय होता है। इस कारण प्याज उत्पादकों को अकेले रबी फसल को ही कोल्ड हाउस में संग्रहित करने की आवश्यकता होती है।
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