सोयाबीन के मूल्य में उछाल देखने के साथ ही साथ सरकार द्वारा जो सोयाबीन को लेकर के न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किया गया था उसमें बढ़ोतरी की गई है अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन के मूल्य में काफी उछाल देखने को मिल रहा है।
भारत में सोयाबीन का मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुसार चलता है क्योंकि भारत से सोयाबीन का तेल, तिल का तेल एवं बादाम का तेल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पूरे साल भर भेजी जाती है।
इसके साथ-साथ भारतीय मसालों के शौकीन भी विदेश में बहुत ज्यादा हैं और भारतीय मसालों की डिमांड भी पूरे वर्ष विदेशों में बनी रहती है।
अभी मंडी में सोयाबीन के मूल्य 6000 रुपए प्रति क्विंटल से शुरू होकर के ₹9000 प्रति क्विंटल पर मिल रहे हैं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में उछाल के साथ ही साथ सोयाबीन के भाव अभी और ऊपर जाने के आसार हैं।
मंडी के जानकारों के अनुसार इस वर्ष सोयाबीन की फसल पिछले वर्ष की अपेक्षा काफी अच्छी हुई है जिस कारण सोयाबीन का डिमांड इस वर्ष बाजार में अच्छी बनी रहेगी।
सोयाबीन पौष्टिक आहार के अंतर्गत आता है और अब लोग इसे अपनी रोज़ाना अपने भोजन में शामिल करने लगे हैं।
सोयाबीन के बीज से तेल निकालने के बाद उसके बचे भूसे से कई प्रकार के खाद्य पदार्थों का निर्माण किया जा रहा है जो हर आयु वर्ग के लिए होती है और जिस में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं।
आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि अभी बाजार में सोयाबीन का भाव क्या चल रहा है।
इसके साथ ही साथ जानेंगे की सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य जो लगाया गया था उसे बढ़ाकर कितना किया गया है और सोयाबीन से बने खाद्य पदार्थ के बारे में भी चर्चा करेंगे तो चलिए जानते हैं
कुछ मंडियों में सोयाबीन का मूल्य
कृषि उपज मंडिया | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
उज्जैन मंडी | 4195 | 7690 |
रतलाम मंडी | 5180 | 7730 |
हरदा मंडी | 4515 | 7790 |
विदिशा मंडी | 4395 | 7700 |
अमरावती मंडी | 4895 | 7050 |
महाराष्ट्र- जालना मंडी | 4080 | 7300 |
बारा मंडी | 5095 | 7630 |
करंजा मंडी-महाराष्ट्र | 3665 | 7090 |
जावरा मंडी | 3450 | 7650 |
इंदौर मंडी | 5015 | 7700 |
बासवारा मंडी | 5140 | 7580 |
मंदसौर मंडी | 4085 | 7720 |
गुजरात राजकोट मंडी | 4420 | 7380 |
उत्तर प्रदेश ललितपुर मंडी | 4580 | 5900 |
कोटा मंडी | 4855 | 7600 |
मांलगढ़-राजस्थान मंडी | 5015 | 7630 |
बिहार बेगूसराय मंडी | 4000 | 4290 |
टोंक मंडी | 6025 | 7640 |
प्रतापगढ़ मंडी | 7345 | 7660 |
किशनगंज मंडी | 5170 | 6940 |
भारत में फसलों को दो प्रकार से बांटा गया है जो कि है खरीफ की फसल और रबी की फसल जिसमें से सोयाबीन खरीफ फसल के अंतर्गत आता है इसमें जुट, कपास, मूंगफली, तुवर, उड़द, बाजरा, धान, गन्ना, ज्वार यह सभी फसलों आती हैं।
सरकार द्वारा कुछ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया जाता है इसी के अंतर्गत सोयाबीन पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया गया है सोयाबीन को शाकाहारी लोग काफी पसंद करते हैं।
क्योंकि इसमें अंडा, मछली जितना प्रोटीन पाया जाता है जो लोग डाइट करते हैं वह अब गाय के दूध के जगह सोयाबीन मिल्क का उपयोग कर रहे हैं।
सोयाबीन मिल्क में भी गाय के दूध जितना ही प्रोटीन पाया जाता है। सोयाबीन मिल्क से अब टोफू भी बन रहा है जो दिखने एवं खाने में बिल्कुल पनीर की तरह होता है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य
सरकार द्वारा सोयाबीन की फसल पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया गया था जो कि 3950 रुपए प्रति क्विंटल था।
लेकिन जैसे ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन के मूल्य में उछाल देखने को मिला सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ा दिया गया जो कि आप 4300 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य को किसानों की भाषा में सरकारी रेट भी कहा जाता है जिससे किसानों को लाभ मिलता है और व्यापारी इससे नीचे जाकर के किसानों की फसल को नहीं खरीद पाते है।
अच्छी गुणवत्ता वाली फसलों के मूल्य किसानों को अच्छे प्राप्त हो जाते हैं वहीं जिन किसानों के पास अच्छी गुणवत्ता वाली फसल नहीं होती व्यापारी उनकी फसलों को बहुत ही कम दामों पर खरीद लेते हैं।
जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है इसीलिए सरकार द्वारा किसानों के हित में न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागू किया गया है।
भारत में उत्पादन
सोयाबीन का भारत में उत्पादन सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में होता है मध्य प्रदेश में सोयाबीन के लिए एक रिसर्च सेंटर की व्यवस्था भी की गई है।
जिसमें सोयाबीन के नए-नए प्रजातियां और खेती करने की नई-नई तकनीकों पर रिसर्च किया जाता है।
मध्यप्रदेश के साथ ही साथ राजस्थान, महाराष्ट्र इन सभी राज्यों में सोयाबीन की बहुत व्यापक रूप से खेती की जाती है।
यहां सोयाबीन के बीज से तेल निकालने के बाद कई प्रकार के खाद्य पदार्थों का निर्माण किया जाता है जो आपको अपने ऑनलाइन या ऑफलाइन मार्केट में आसानी से मिल जाएगा।
सोयाबीन से बने खाद्य पदार्थ
मार्केट में आजकल पैकेट फूड की भरमार है और लोगों को पैकेट फूड काफी पसंद भी आते हैं इसी के अनुसार आपको सोयाबीन के भी पैकेट फूड मार्केट में बहुत ही आसानी से मिल जाएंगे।
सोयाबीन से बनने वाले पैकेट फूड जैसे कि सोया सॉस, सोया कुकीज, सोयाबीन का आटा, सोया मिल्क, सोया चाप, सोयाबीन हेल्थ ड्रिंक, सोयाबीन बेबी फूड,
सोयाबीन फ्रोजन फूड, सोया चॉकलेट, सोया कुकीज,सोया चिली सॉस, सोया बड़ी, सोया एनर्जी ड्रिंक, सोया टोफू इत्यादि जो खाने में स्वादिष्ट एवं पौष्टिक होते हैं।
इन सबके अलावा सोयाबीन का तेल जो आजकल लगभग हर घरों में इस्तेमाल किया जा रहा है जो हमारे शरीर और स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभदायक होता है।
इसके अलावा होटल में सोयाबीन के एक से बढ़कर एक व्यंजन आसानी से मिल जाएंगे जैसे कि सोया चाप करी, सोया पुलाव, सोया नगेट्स, सोया रोल, सोया के कबाब, सोयाबीन कटलेट, सोयाबीन की बिरयानी इत्यादि।
सोयाबीन में पोषक तत्व
सोयाबीन में आयरन, राइबोफ्लेविन, अमीनो अम्ल, विटामिन B12, कैल्शियम, विटामिन बी सिक्स, फाइबर इत्यादि पाए जाते हैं।
जो हमारे शरीर के लिए काफी लाभदायक होते हैं शुगर रोगी सोयाबीन का नियमित रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं जो उनकी पाचन प्रक्रिया के लिए सही रहता है।
इसके साथ ही साथ सोयाबीन हमें एनीमिया जैसे रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। सोयाबीन का नियमित तौर पर इस्तेमाल हमारे बाल, नाखून एवं आंखों के लिए काफी लाभदायक होता है।
निष्कर्ष
हमने आज अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको भारत में अभी सोयाबीन का मूल्य मंडियों में क्या चल रहा है इसकी जानकारी प्रदान कि है इसके साथ ही साथ सरकार द्वारा सोयाबीन के न्यूनतम समर्थन मूल्य को किस प्रकार बढ़ाया गया है।
इसके बारे में बताया है हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।