अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में लगातार सोयाबीन के मूल्य में उछाल देखने को मिल रहा है जिसके अंतर्गत भारतीय बाजारों में भी सोयाबीन तेल एवं सोयाबीन से बनने वाले अन्य पदार्थों के मूल्य में बढ़त देखने को मिल रही है मंडी के जानकारों के अनुसार इस वर्ष सोयाबीन के भाव काफी ऊपर जाने के आसार हैं।
अभी लगभग हर मंडी में सोयाबीन की फसल का मूल्य 6000 रुपए प्रति क्विंटल से शुरू होकर के 10,000 रुपए प्रति क्विंटल पर मिल रहा है।
भारतीय मसाले एवं तेल की मांग अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पूरे वर्ष बनी रहती है जिसके अंतर्गत तिल तेल बदाम तेल, सोयाबीन का तेल और सुगंधित मसाले आते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में तेल के मूल्य में जिस प्रकार उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है ठीक उसी प्रकार भारतीय बाजारों में भी तेल का मूल्य घटता बढ़ता रहता है।
अभी जहां सोयाबीन पैकेट तेल का मूल्य कुछ महीने पहले 150 से 180 के बीच में था वहीं अब बढ़कर के 200 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
बाजार में सोयाबीन की डिमांड भी काफी बढ़ चुकी है इसीलिए भी इसे मूल्य में बढ़ोतरी हो रहे हैं अब लोग गाय की दूध की जगह सोयाबीन मिल्क का इस्तेमाल रोज़ाना खानपान में करने लगे हैं।
इसके साथ ही साथ और पनीर की जगह टोफू का इस्तेमाल कर रहे है जो बिल्कुल पनीर जैसा स्वादिष्ट एवं पौष्टिक का से भरपूर होता है उसका उपयोग लोग सलाद, सैंडविच,सब्ज़ी इत्यादि में कर रहे हैं।
आजकल लोग डाइट कॉन्शियस से होते जा रहे हैं उसके साथ ही साथ जो लोग वीगन है वह सोयाबीन मिल्क और सोयाबीन से बने हुए प्रोडक्ट का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं।
सोयाबीन को शाकाहारी मटन भी कहा जाता है इसे सुपरफूड की उपाधि भी दी गई है। आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि आपके आसपास के मार्केट में सोयाबीन से बने किस प्रकार के पैकेट फूड और फ्रोजन फूड आ चुके हैं।
जिसमें पौष्टिकता भरपूर मात्रा में होती है और जो हर आयु वर्ग के लोगों के लिए अच्छा होता है चलिए जानते हैं।
सोयाबीन खरीफ फसल के अंतर्गत आता है सोयाबीन के साथ-साथ अभी मंडी में उड़द, तुवर, जूट, कपास, मूंगफली, बाजरा, धान, गन्ना, ज्वार इत्यादि सभी आ चुके हैं।
जिनमें से सरकार ने कुछ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी लगाया है न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों के हित में लगाया जाता है।
ताकि किसानों को कम से कम अपनी फसल की लागत मिल जाए और उन्हें नुकसान न उठाना पड़े आज अपने आर्टिकल के माध्यम से आप को न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में भी बताएंगे।
न्यूनतम समर्थन मूल्य
जैसा कि आपको बताया कि सरकार द्वारा कुछ फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया जाता है जो किसानों के हित में होता है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य लगा लेने से किसान को कम से कम अपने फसल की लागत मिल जाती है और उन्हें नुकसान नहीं उठाना पड़ता वरना मंडियों में किसान को केवल अच्छी गुणवत्ता वाली फसल के ही अच्छे मूल्य प्राप्त होते हैं।
जिन फसलों की गुणवत्ता उतनी अच्छी नहीं होती व्यापारी उसे किसान से बहुत ही कम मूल्य में खरीद लेते हैं और किसानों को घाटा लग जाता है और उन्हें लागत तक नहीं मिल पाती जिससे उनका जीवन यापन करना मुश्किल हो जाता है।
सरकार द्वारा जब न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया जाता है तो किसान की फसल को व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे जाकर के नहीं खरीद सकते हैं।
लेकिन वही अगर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक पैसे अपनी फसल के मिल रहे हैं तो वह बहुत ही आसानी से अपनी फसल उस व्यापारी को बेच सकते हैं।
जिससे किसानों को फायदा होता है और यह नियम किसानों के हित के लिए बनाया गया है। इस वर्ष सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार द्वारा 3950 रुपए प्रति क्विंटल कुछ महीने पहले ही लगाया गया था।
अचानक से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मूल्य बढ़ने के कारण सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ा करके 4300 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
सोयाबीन का उत्पादन
भारत के कई राज्यों में सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है मध्य प्रदेश में सोयाबीन का एक रिसर्च सेंटर है।
जहां से सोयाबीन की उन्नत किस्म के बीज और खेती करने के नए-नए तरीके इजाद किए जाते हैं इसके अलावा मध्य प्रदेश राजस्थान महाराष्ट्र इन तीनों राज्य में सोयाबीन की खेती बहुत व्यापक तौर पर की जाती है।
यहां आपको बताते चलें कि सोयाबीन के बीज से तेल निकालने के बाद उसके बचे हुए भूसे से अनेक प्रकार के पौष्टिक उत्पाद भी तैयार किए जाते हैं।
कुछ मंडियों में सोयाबीन का मूल्य
कृषि उपज मंडिया | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
उज्जैन मंडी | 4195 | 7690 |
रतलाम मंडी | 5180 | 7730 |
हरदा मंडी | 4515 | 7790 |
विदिशा मंडी | 4395 | 7700 |
अमरावती मंडी | 4895 | 7050 |
महाराष्ट्र- जालना मंडी | 4080 | 7300 |
बारा मंडी | 5095 | 7630 |
करंजा मंडी-महाराष्ट्र | 3665 | 7090 |
जावरा मंडी | 3450 | 7650 |
इंदौर मंडी | 5015 | 7700 |
बासवारा मंडी | 5140 | 7580 |
मंदसौर मंडी | 4085 | 7720 |
गुजरात राजकोट मंडी | 4420 | 7380 |
उत्तर प्रदेश ललितपुर मंडी | 4580 | 5900 |
कोटा मंडी | 4855 | 7600 |
मांलगढ़-राजस्थान मंडी | 5015 | 7630 |
बिहार बेगूसराय मंडी | 4000 | 4290 |
टोंक मंडी | 6025 | 7640 |
प्रतापगढ़ मंडी | 7345 | 7660 |
किशनगंज मंडी | 5170 | 6940 |
सोयाबीन से लाभ
सोयाबीन में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं यह तो हम जानते हैं सोयाबीन में आयरन, राइबोफ्लेविन, अमीनो अम्ल, विटामिन B12,
मैग्निशियम, कैलशियम, विटामिन बी सिक्स, फाइबर इत्यादि पाए जाते हैं और कैल्शियम हमारे हड्डियों को सुरक्षित रखता है वही आयरन अनीमिया जैसे रोगों से बचाता है।
शुगर पेशेंट एवं बीपी पेशेंट सोयाबीन का नियमित तौर पर इस्तेमाल करके अपनी पाचन प्रक्रिया को चुस्त-दुरुस्त रख सकते हैं। सोयाबीन हमारे बाल, नाखून और आंख के लिए काफी लाभदायक होता है।
सोयाबीन से पैकेट फूड
सोयाबीन के बीज से तेल निकालने के बाद उसके बचे हुए भूसे से जो खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं वह आपको अपने आसपास के ऑनलाइन या ऑफलाइन मार्केट में बहुत ही आसानी से मिल जाएंगे सोयाबीन से बनने वाले खाद्य पदार्थ निम्नलिखित हैं।
जैसे कि सोया सॉस , सोया चॉकलेट, सोया कुकीज, सोयाबीन का आटा, सोया मिल्क, सोया चाप, सोयाबीन का हेल्थ ड्रिंक, सोयाबीन बेबी फूड, सोयाबीन फ्रोजन फूड, सोया बड़ी, सोया एनर्जी ड्रिंक, सोया चिल्ली सॉस इत्यादि।
इसके अलावा हमारे आस पास के रेस्टोरेंट एवं होटल में भी आप देखेंगे कि सोयाबीन के तेल का इस्तेमाल किया जाता है और सोयाबीन बड़ी या सोया चाप से विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का निर्माण किया जाता है।
जिसके अंतर्गत सोयाबीन रोल, सोयाबीन की बिरयानी, सोयाबीन कटलेट, सोया के कबाब, सोया चाप करी, सोयाबीन पुलाव, सोया नगेट्स इत्यादि तैयार किया जाता है जिसे लोग काफी शौक से खाते हैं।
निष्कर्ष
हमने आज अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको सोयाबीन का मूल्य अभी मंडी में क्या चल रहा है इसकी जानकारी दी इसके साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन के मूल्य में भारी उछाल देखने के बाद भारतीय बाजारों में भी सोयाबीन के दाम बढ़ने के आसार है।
इसके बारे में भी बताया है हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में तो तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।