आज मशरूम का मंडी भाव 2023 – मशरूम का रेट आज का? Today Mushroom रेट (21 July 2023)

पिछले कुछ वर्षों से भारत में कृत्रिम रूप से मशरूम की खेती की जा रही है जिसके अंतर्गत ओएस्टर मशरूम, बटन मशरूम, से शिप एवं दूधिया मशरूम की खेती की जाती है भारत की जलवायु के अनुसार इन मशरूम की उत्पादन क्षमता यहां पर बहुत अधिक होती है ।

भारत के कई राज्यों में मशरूम की खेती की जाती है जिसके अंतर्गत महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड, पंजाब और बिहार आते हैं इन सभी राज्यों में से अभी बिहार में सबसे ज्यादा कृत्रिम मशरूम की खेती की जा रही है।

वहां के किसान मशरूम की खेती करके कम समय में कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं जिससे वह अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे तरीके से कर पा रहे हैं। 

मशरूम की खेती कोई भी बहुत ही आसानी से कर सकता है मशरूम की खेती करने के लिए केवल कुछ दिनों की ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है।

सरकार द्वारा समय-समय पर बहुत से आयोजन किए जाते हैं जिसके अंतर्गत किसानों को अनेकों प्रकार की फसल के उत्पादन के बारे में और अन्य प्रकार की जानकारियां प्रदान की जाती है। 

इसके साथ ही साथ सरकार द्वारा कई प्रकार के ऋण किसानों के लिए उपलब्ध कराए जाते हैं जिसमें बहुत ही कम ब्याज दर लगाया जाता है। 

आज हम आर्टिकल के माध्यम से भारत में मशरूम का भाव क्या चल रहा है इसकी जानकारी प्रदान करेंगे।

इसके साथ ही साथ भारत में पाए जाने वाले दुर्लभ किस्म के मशरूम के बारे में भी चर्चा करेंगे जिसका मूल्य काफी अधिक है और जिस में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं तो चलिए जानते हैं।

मशरूम का मंडी में मूल्य

राज्यन्यूनतम भावअधिकतम भाव
हिमाचल प्रदेश3,620 रूपए प्रति क्विंटल3,650 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब6,750 रूपए प्रति क्विंटल9,100 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश13,000 रूपए प्रति क्विंटल15,000 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब1,500 रूपए प्रति क्विंटल1,700 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब10,000 रूपए प्रति क्विंटल10,000 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश9,000 रूपए प्रति क्विंटल10,000 रूपए प्रति क्विंटल
जम्मू और कश्मीर10,000 रूपए प्रति क्विंटल11,000 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब9,000 रूपए प्रति क्विंटल11,000 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश10,000 रूपए प्रति क्विंटल11,000 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश10,000 रूपए प्रति क्विंटल12,000 रूपए प्रति क्विंटल
जम्मू और कश्मीर12,000 रूपए प्रति क्विंटल14,000 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश10,000 रूपए प्रति क्विंटल14,000 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश13,000 रूपए प्रति क्विंटल15,000 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश16,000 रूपए प्रति क्विंटल17,500.00 रूपए प्रति क्विंटल
ओडिशा20,000 रूपए प्रति क्विंटल22,000 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब2,500 रूपए प्रति क्विंटल3,000 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब3,000 रूपए प्रति क्विंटल3,000 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब3,300 रूपए प्रति क्विंटल3,300 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश3,500 रूपए प्रति क्विंटल3,500 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश3,500 रूपए प्रति क्विंटल3,800 रूपए प्रति क्विंटल
उत्तराखण्ड3,500 रूपए प्रति क्विंटल4,500 रूपए प्रति क्विंटल
हरियाणा5,000 रूपए प्रति क्विंटल5,000 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश5,000 रूपए प्रति क्विंटल6,000 रूपए प्रति क्विंटल
हरियाणा6,000 रूपए प्रति क्विंटल7,000 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब8,000 रूपए प्रति क्विंटल8,000 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश7,000 रूपए प्रति क्विंटल8,000 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब6,800 रूपए प्रति क्विंटल8,100 रूपए प्रति क्विंटल
हरियाणा6,000 रूपए प्रति क्विंटल8,500 रूपए प्रति क्विंटल
पंजाब8,000 रूपए प्रति क्विंटल9,000 रूपए प्रति क्विंटल
हिमाचल प्रदेश8,000 रूपए प्रति क्विंटल9,000 रूपए प्रति क्विंटल

मशरूम से पैकेट फूड

कृत्रिम रूप से उगाए जाने वाले मशरूम उसे विभिन्न प्रकार के पैकेट फूड का भी निर्माण किया जाने लगा है जिसमें पौष्टिकता तो होती है।

साथ ही साथ यह आयु वर्ग के लोगों को काफी पसंद भी आ रहा है आपको मशरूम के फ्रोजन फूड भी मार्केट में आसानी से मिल जाएंगे।

इसके साथ ही साथ मशरूम के चिप्स मशरूम का आचार मशरूम इंस्टेंट पैकेट सूप मशरूम हेल्दी ड्रिंक मशरूम बेबी फूड मशरूम प्रोटीन पाउडर मशरूम कुकीज मशरूम की चॉकलेट मशरूम के साथ मशरूम का जेम मशरूम का प्रोटीन ड्रिंक इत्यादि।

इसके साथ-साथ दवाई बनाने वाली कंपनियां भी मशरूम का इस्तेमाल दवा के निर्माण में करती है मशरूम के समाज से कई प्रकार की बीमारियों के लिए दवाइयां बनाई जाती है। 

भारत में प्राचीन सभ्यताओं के समय से ही मशरूम का इस्तेमाल व्यंजन बनाने में किया जाता रहा है।

लेकिन पहले केवल प्राकृतिक रूप से उगने वाले मशरूम का ही व्यंजन बनाया जाता था और वह केवल साल भर में कुछ ही महीनों में पाए जाते थे लेकिन अब कृत्रिम रूप से मशरूम की खेती होने लगी है और इससे साल भर मशरूम पाया जाता है। 

भारत में लगभग 10000 प्रजाति के मशरूम पाए जाते हैं जिनमें से कुछ कृत्रिम होते हैं तो कुछ प्राकृतिक लेकिन इनमें से केवल 70 से 80 प्रकार के मशरूम का उपयोग भोजन बनाने में और दवाइयां बनाने में किया जाता है।

मशरूम का इस्तेमाल विदेशी व्यंजनों को बनाने में भी किया जाता है जिसके अंतर्गत पिज़्ज़ा, पास्ता इत्यादि आते हैं।

पहले मशरूम की इतनी डिमांड भारत में नहीं थी लेकिन जब से कृत्रिम रूप के मशरूम का उत्पादन होना शुरू हुआ है अब शादी, जन्मदिन, पूजा इन सभी समारोह में मशरूम के बने व्यंजन मिलने शुरू हो गए हैं।

भारत में बटन मशरूम की डिमांड काफी ज्यादा है इसका एक कारण यह भी है कि इसका मूल्य मध्यमवर्गीय परिवारों के बजट में आसानी से फिट हो जाता है।

इसके साथ ही साथ इसका स्वाद भी काफी अच्छा है और इसमें पौष्टिकता भी प्रचुर मात्रा में रहती है।

गुच्छी मशरूम

यूरोप में एक बहुत ही दुर्लभ किस्म का मशरूम पाया जाता है जिसे यूरोपियन व्हाइट ट्रफल मशरूम कहते हैं इसमें भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व होता है और यह काफी महंगा बिकता है और यह केवल प्राकृतिक रूप से उगता है।

ठीक उसी तरह हिमालय की चोटियों में भी एक दुर्लभ किस्म का मशरूम पाया जाता है जिसे गुच्छी मशरूम कहा जाता है यह नाम वहां के स्थानीय नागरिकों द्वारा किया गया है। 

यह मशरूम भी प्राकृतिक रूप से उगता है एवं इसे तोड़ने में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है पहाड़ की ऊंचाइयों पर यह मशरूम पाया जाता है।

वहां के स्थानीय नागरिकों द्वारा इसे बहुत ही परेशानियों का सामना करते हुए तोड़कर लाया जाता है यह दिखने में बटन मशरूम की तरह बिल्कुल भी नहीं दिखता।

यह काले रंग का होता है और मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखता है लेकिन इसमें पौष्टिकता भरपूर मात्रा में पाई जाती है। 

पहाड़ों पर से तोड़कर लाने के बाद इस मशरूम को 5 से 7 दिन तक कड़ी धूप में सुखाया जाता है जब यह छोटे छोटे हो जाते हैं तब इन्हें वहां के स्थानीय बाजारों में बेचा जाता है।

गुच्छी मशरूम की अनेक प्रजातियां पाई जाती है हिमालय की पहाड़ियों में लेकिन इनमें से उच्च गुणवत्ता वाली प्रजाति की कीमत लगभग 30,000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बाजार में बेची जाती हैं।

निम्न गुणवत्ता वाली प्रजातियां जो होती है उनकी कीमत लगभग 12000 से 13000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेची जाती है।

गुच्छी मशरूम का इस्तेमाल की दवाइयों बनाने वाली कंपनियां करती है इसमें भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व होता है यह साल के केवल कुछ ही महीने पाई जाती है।

निष्कर्ष

हमने आज अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको भारत की मंडियों में कृत्रिम रूप से उगने वाले मशरूम का मूल्य क्या चल रहा है इसकी जानकारी प्रदान की है इसके साथ ही सब भारत में पाए जाने वाले गुच्छी मशरूम के बारे में बताया है।

मशरूम से किस प्रकार के फ्रोजन फूड का निर्माण हो रहा है और पैकेट फूड का निर्माण हो रहा है इसके बारे में भी चर्चा की है।

हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।

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