भारत में अब कृत्रिम रूप से मशरूम का उत्पादन बड़े व्यापक तौर पर शुरू हो गया है बटन मशरूम, शिप मशरूम, ओयस्टर मशरूम और दूधिया मशरूम इन सब की खेती भारत में की जाती है। बिहार के किसान मशरूम की खेती करने में सबसे आगे हैं।
बिहार के अलावा हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब इन सभी स्थानों में मशरूम की खेती की जा रही है।
बिहार के किसान मशरूम की खेती कम लागत में ज्यादा मुनाफा प्राप्त करने के कारण कर रहे हैं उनका कहना है कि 2 से 3 महीने के अंदर मशरूम की फसल तैयार होकर के बाजार में बिकने के लिए चली जाती है जिसके कारण तुरंत लाभ प्राप्त हो जाता है।
मशरूम की खेती कोई भी कर सकता है बस इसके लिए उन्हें लगभग 15 दिन की ट्रेनिंग की आवश्यकता होती है।
सरकार द्वारा भी मशरूम की खेती से जुड़े नए नए तकनीकों का ज्ञान कई प्रकार के आयोजनों द्वारा किसानों को दिया जाता है ताकि वह ज्यादा से ज्यादा खेती करके लाभ कमा सके और अपनी जीविका चला सके, इसके लिए सरकार द्वारा कम ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
भारत में राजा महाराजाओं के समय से मशरूम का इस्तेमाल खाना बनाने में किया जा रहा है लेकिन पहले प्राकृतिक तौर पर जो मशरूम उगते थे।
उन्हीं का व्यंजन बनाया जाता था जबकि अब साल भर कृत्रिम रूप से होने वाले मशरूम का व्यंजन बन रहा है भारत में लगभग 10,000 से ज्यादा मशरूम की प्रजातियां पाई जाती है इनमें से कुछ जंगली होते हैं तो कुछ खाने लायक प्रजाति होती है।
आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे भारत में कृत्रिम रूप से मशरूम की खेती से जुड़े कुछ रोचक तथ्य इसके साथ ही साथ बताएंगे मशरूम के पैकेट फूड के बारे में भी और जानेंगे हिमालय की पहाड़ियों में पाए जाने वाले दुर्लभ प्रजाति के मशरूम के बारे में तो चलिए जानते हैं।
मशरूम का मंडी में मूल्य
राज्य | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
हिमाचल प्रदेश | 3,620 रूपए प्रति क्विंटल | 3,650 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 6,750 रूपए प्रति क्विंटल | 9,100 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 13,000 रूपए प्रति क्विंटल | 15,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 1,500 रूपए प्रति क्विंटल | 1,700 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 9,000 रूपए प्रति क्विंटल | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल |
जम्मू और कश्मीर | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 11,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 9,000 रूपए प्रति क्विंटल | 11,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 11,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 12,000 रूपए प्रति क्विंटल |
जम्मू और कश्मीर | 12,000 रूपए प्रति क्विंटल | 14,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 14,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 13,000 रूपए प्रति क्विंटल | 15,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 16,000 रूपए प्रति क्विंटल | 17,500.00 रूपए प्रति क्विंटल |
ओडिशा | 20,000 रूपए प्रति क्विंटल | 22,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 2,500 रूपए प्रति क्विंटल | 3,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 3,000 रूपए प्रति क्विंटल | 3,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 3,300 रूपए प्रति क्विंटल | 3,300 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 3,500 रूपए प्रति क्विंटल | 3,500 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 3,500 रूपए प्रति क्विंटल | 3,800 रूपए प्रति क्विंटल |
उत्तराखण्ड | 3,500 रूपए प्रति क्विंटल | 4,500 रूपए प्रति क्विंटल |
हरियाणा | 5,000 रूपए प्रति क्विंटल | 5,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 5,000 रूपए प्रति क्विंटल | 6,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हरियाणा | 6,000 रूपए प्रति क्विंटल | 7,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 7,000 रूपए प्रति क्विंटल | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 6,800 रूपए प्रति क्विंटल | 8,100 रूपए प्रति क्विंटल |
हरियाणा | 6,000 रूपए प्रति क्विंटल | 8,500 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल | 9,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल | 9,000 रूपए प्रति क्विंटल |
मशरूम से पैकेट फूड
आपको बाजार में मशरूम तो मिलेगा ही इसके साथ ही साथ मशरूम मशरूम से बनने वाले कई प्रकार के फ्रोजन फूड और पैकेट फूड भी मिलेंगे।
जैसे कि मशरूम के चॉकलेट, मशरूम के चिप्स, मशरूम सूप, मशरूम इंस्टेंट पैकेट सूप, हेल्दी ड्रिंक, बेबी फूड, प्रोटीन पाउडर, कुकीज, बिस्किट, मशरूम के सॉस, मशरूम का जैम, मशरूम का अचार, मशरूम प्रोटीन शेक इत्यादि।
इसके अलावा मशरूम का इस्तेमाल दवाइयां बनाने वाली कंपनियां भी करती है मशरूम से कई प्रकार की दवाइयों का भी निर्माण होता है।
मशरूम में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाया जाता है इसीलिए इसका इस्तेमाल दवाइयां बनाने में किया जाता है।
इसके साथ ही साथ मशरूम का इस्तेमाल कई सारे व्यंजनों में भी किया जाता है विदेशी व्यंजन जैसे कि पिज़्ज़ा, पास्ता, मैकरोनी, मोमो, सूप वगैरह में इस्तेमाल किया जाता है।
भारत में बटन मशरूम की डिमांड सबसे ज्यादा है बटन मशरूम की कीमत भी इतनी है कि वह हर मध्यमवर्गीय परिवारों के बजट में आसानी से फिट हो जाता है।
शादी पार्टी या कोई आयोजनों में भी मशरूम का इस्तेमाल किया जा रहा है इन सब के कारण मशरूम का बाजार अब काफी बड़ा हो चुका है।
गुच्छी मशरूम
हिमालय की पहाड़ियों में पाए जाने वाले इस दुर्लभ मशरूम को वहां के स्थानीय नागरिकों द्वारा बसंत के महीने में तोड़ा जाता है क्योंकि यह मशरूम केवल साल भर में एक बार ही उगता है।
यह प्राकृतिक तौर पर उगता है और दिखने में काले रंग का होता है यह मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखता है।
वहां के स्थानीय नागरिकों द्वारा इसे तोड़कर लाने के बाद 5 से 7 दिन तक कड़ी धूप में सुखाया जाता है तब जाकर के यह मशरूम बाजार में बेचने लायक होता है।
इस मशरूम में अनेकों प्रजातियां होती है जिसमें सबसे अच्छी गुणवत्ता वाली प्रजाति की कीमत लगभग 30,000 प्रति किलो के हिसाब से बेचीं जाती है जबकि इसी मशरूम की कम गुणवत्ता वाली प्रजाति की कीमत 12 से 13000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेची जाती है।
दवाई बनाने वाली कंपनियां भी गुच्छी मशरूम की डिमांड करती है इसके साथ ही साथ वहां के स्थानीय होटल एवं रेस्टोरेंट में भी इसे मुंह मांगी कीमत पर व्यापारी खरीदने को तैयार रहते हैं। गुच्छी मशरूम में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं इसीलिए इसका मूल्य ज्यादा है।
पूरे विश्व में सबसे ज्यादा महंगा यूरोपियन व्हाइट ट्रफल मशरूम बिकता है यह भी प्राकृतिक रूप से ही उगता है इसमें भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं।
निष्कर्ष
हमने आज अपने आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को भारत के कुछ मंडियों में अभी मशरूम का मूल्य क्या चल रहा है इसकी जानकारी प्रदान कि है ।
इसके अलावा भारत में उगाए जाने वाले कृत्रिम मशरूम के बारे में बताया है हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।