अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में लगातार सोयाबीन की मांग बढ़ रही है जिसके कारण उसके मूल्य में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है ।
भारतीय मसालों एवं तेल की डिमांड अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काफी अधिक रहती है विदेशों में भारतीय मसालों एवं तेल के लोग दीवाने हैं।
जिस कारण से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन तेल, तिल तेल,बादाम तेल इन सभी की डिमांड पूरे वर्ष बनी रहती है।
भारत में भी अब सोयाबीन की उत्पादन क्षमता को उन्नत किस्म की खेती करके और उन्नत किस्म के बीज का प्रयोग करके बढ़ाया गया है।
मंडी के जानकारों के अनुसार इस वर्ष सोयाबीन के भाव काफी ऊपर जाएंगे। अभी पिछले महीने सरकार द्वारा जो न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया गया था।
सोयाबीन की फसल के ऊपर उसमें भी बढ़ोतरी की गई है अभी भी सोयाबीन के भाव तेजी से बढ़ते हुए दिख रहे हैं।
सोयाबीन से केवल खाद्य तेल ही नहीं निकाले जाते इससे बहुत सारे पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी निर्मित किए जाते हैं।
इसके बारे में आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ चर्चा करेंगे और साथ ही साथ जानेंगे अभी भारत की मंडियों में सोयाबीन का मूल्य क्या चल रहा है।
इसके साथ जानेंगे सरकार द्वारा कितना न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है तो चलिए जानते हैं।
भारत में फसलों को दो तरह से बांटा गया है एक खरीफ की फसल दूसरी रवि की फसल और सोयाबीन खरीफ फसल के अंतर्गत आता है।
सोयाबीन के अलावा उड़द, मूंगफली ,ज्वार, बाजरा, धान, मूंग, गन्ना, तुवर, जूट, मूंगफली ,कपास इन सभी फसलों की खेती की जाती है।
अभी सोयाबीन की फसल मंडी में आ चुकी है और अभी सोयाबीन की फसल का मूल्य लगभग 6000 रुपए प्रति क्विंटल से शुरू होकर के 9000 रुपए प्रति क्विंटल तक देखने को मिल रहा है इसके अलावा अभी मंडी के जानकारों के अनुसार भाव और बढ़ेंगे।
न्यूनतम समर्थन मूल्य
न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार द्वारा कुछ फसलों पर लगाया जाता है जो किसानों के हित में होता है तो इस बार सोयाबीन की फसल पर सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य 3950 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था।
जो कि अब बढ़ा करके 4300 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की डिमांड को देखते हुए और मूल्य में उछाल देखते हुए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है ।
सोयाबीन की सही गुणवत्ता वाली फसल की कीमत व्यापारियों द्वारा किसानों को काफी अच्छी मिल जाती है।
वही कम गुणवत्ता वाली सोयाबीन की फसल की कीमत किसानों को अच्छी नहीं मिल पाती इसी कारण सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि
न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे जाकर के कोई भी किसान अपनी फसल नहीं बेचेगा और ना ही व्यापारी उसे खरीद सकते हैं।
इसकी अपेक्षा अगर किसानों को अपनी फसल के अच्छे दाम मिल रहे तो बहुत ही आसानी से अपने फसल व्यापारियों के साथ बेच सकते हैं।
मंडी के जानकारी एवं व्यापारियों के अनुसार इस वर्ष सोयाबीन की फसल के मूल्य 15000 रुपए प्रति क्विंटल से भी ऊपर जा सकते हैं।
हमें नीचे आपको अभी कुछ मंडियों में सोयाबीन के मूल्य क्या चल रहा है उसकी जानकारी प्रदान कर रहे हैं हर मंडी में आपको सोयाबीन के भाव में थोड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
फसलों की गुणवत्ता पर भी सोयाबीन का भाव निर्धारित किया जाता है अभी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सोयाबीन के भाव में उछाल देखने को मिल रहा है।
सोयाबीन का भाव मंडी में
कृषि उपज मंडिया | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
उज्जैन मंडी | 4195 | 7690 |
रतलाम मंडी | 5180 | 7730 |
हरदा मंडी | 4515 | 7790 |
विदिशा मंडी | 4395 | 7700 |
अमरावती मंडी | 4895 | 7050 |
महाराष्ट्र- जालना मंडी | 4080 | 7300 |
बारा मंडी | 5095 | 7630 |
करंजा मंडी-महाराष्ट्र | 3665 | 7090 |
जावरा मंडी | 3450 | 7650 |
इंदौर मंडी | 5015 | 7700 |
बासवारा मंडी | 5140 | 7580 |
मंदसौर मंडी | 4085 | 7720 |
गुजरात राजकोट मंडी | 4420 | 7380 |
उत्तर प्रदेश ललितपुर मंडी | 4580 | 5900 |
कोटा मंडी | 4855 | 7600 |
मांलगढ़-राजस्थान मंडी | 5015 | 7630 |
बिहार बेगूसराय मंडी | 4000 | 4290 |
टोंक मंडी | 6025 | 7640 |
प्रतापगढ़ मंडी | 7345 | 7660 |
किशनगंज मंडी | 5170 | 6940 |
सोयाबीन का उत्पादन
भारत के कई राज्य में सोयाबीन का उत्पादन होता है पूरे भारत में केवल मध्यप्रदेश सोयाबीन का 50% उत्पादन करता है इसके बाद आता है।
राजस्थान, राजस्थान के बारा एवं कोटा इन जगहों पर सोयाबीन का उत्पादन व्यापक रूप से किया जाता है और अंत में आपको महाराष्ट्र में भी सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है।
मध्यप्रदेश में ही सोयाबीन का रिसर्च सेंटर भी है जो कि इंदौर में स्थापित है । अगर पूरे विश्व की बात करें तो पूरे विश्व में सबसे ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन ब्राजील में होता है।
उसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका आता है। सोयाबीन में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं इसीलिए विदेशों में भी इसे काफी पसंद किया जाता है।
सोयाबीन से निर्मित खाद्य पदार्थ
आजकल लोग विगन हो रहे हैं जो गाय के दूध की बजाय सोयाबीन मिल्क को ज्यादा पसंद कर रहे हैं और अपने रोजाना की खानपान में सोयाबीन मिल्क का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सोयाबीन के बीज से जब तेल निकल जाता है तो उसके बचे हुए भूसे से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ निर्मित किए जाते हैं जिसके अंतर्गत सोयाबीन हेल्थ ड्रिंक, सोयाबीन एनर्जी ड्रिंक, टोफू,
सोयाबीन फ्रोजन फूड इसके अलावा सोया बड़ी, सोया चॉकलेट, सोया कुकीज, सोयाबीन का आटा, सोया सॉस, सोया चिल्ली सॉस ,सोयाबीन इंस्टेंट सूप, सोयाबीन हेल्थ ड्रिंक,
सोयाबीन बेबी फूड यह सभी आपको अपने आसपास के ऑनलाइन या ऑफलाइन मार्केट में आसानी से मिल जाएंगे जिसे लोग पसंद कर रहे हैं और खाने में इस्तेमाल कर रहे हैं।
इसके अलावा बाजार में आपको सोयाबीन से बनने वाले एक से बढ़कर एक व्यंजन आसानी से खाने को मिल जाएंगे जैसे कि सोया रोल, सोया चाप, सोया चिल्ली, सोयाबीन पुलाव इत्यादि।
सोयाबीन तेल का इस्तेमाल हम सब अपने घरों में रोजाना करते हैं सोयाबीन में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व होने के कारण लोग इसका इस्तेमाल करते हैं और इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है।
निष्कर्ष
आज हमने अपने आर्टिकल के माध्यम से सोयाबीन का मूल्य मंडी में क्या चल रहा है और सोयाबीन से बने खाद्य पदार्थ का लोग किस प्रकार से इस्तेमाल कर रहे हैं इसकी जानकारी दी है।
सोयाबीन शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनों प्रकार के लोग काफी पसंद करते हैं। इसे वेजिटेरियन मटन भी कहा जाता है।
हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।