भारत में कृत्रिम और प्राकृतिक मशरूम की लगभग 10,000 से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं जिनमें से केवल 70 से 80 प्रकार की प्रजातियों का सेवन किया जाता है।
इनमे से कुछ मशरूम की कृत्रिम रूप से खेती नहीं की जाती है प्राकृतिक तौर पर उगती है और कुछ को कृत्रिम रूप से उगाया जाता है।
भारत में मशरूम का इतिहास प्राचीन काल से चला आ रहा है राजा महाराजाओं के समय से भारत में मशरूम का इस्तेमाल व्यंजनों में किया जा रहा है मशरूम में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं।
कुछ वर्षों से भारत में मशरूम की भारी मात्रा में कृत्रिम रूप से खेती की जा रही है जिसमें ओयस्टर मशरूम, शिप मशरूम, दूधिया मशरूम एवं बटन मशरूम है।
किसानों का रुझान मशरूम की खेती के तरफ इसलिए भी है क्योंकि इसमें कम लागत में ज्यादा मुनाफा किसानों को प्राप्त हो रहा है।
मशरूम की खेती कोई भी कर सकता है चाहे वह महिला हो या पुरुष इसके लिए उन्हें सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं।
प्रशिक्षण केंद्रों में जाकर के 15 से 30 दिनों का प्रशिक्षण लेना होगा जो कि निशुल्क रहता है उसके बाद वह आसानी से मशरूम की खेती से जुड़े सारी बातें और किस प्रकार से खेती करने से किसानों को ज्यादा से ज्यादा मुनाफा प्राप्त होगा यह सब जान पाएंगे।
सरकार समय-समय पर किसानों के लिए ऐसे आयोजन करती रहती है जहां नए-नए और उन्नत किस्म की खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसके साथ ही साथ सरकार द्वारा किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाता है।
आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि भारत के कुछ मंडियों में अभी मशरूम का मूल्य क्या चल रहा है इसके साथ ही साथ हम एक दुर्लभ किस्म की मशरूम के बारे में भी चर्चा करेंगे जो कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों पर पाया जाता है जिसमें भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं। तो चलिए जानते हैं।
मशरूम का मंडी में मूल्य
राज्य | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
हिमाचल प्रदेश | 3,620 | 3,650 |
पंजाब | 6,750 | 9,100 |
हिमाचल प्रदेश | 13,000 | 15,000 |
पंजाब | 1,500 रूपए प्रति क्विंटल | 1,700 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 9,000 रूपए प्रति क्विंटल | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल |
जम्मू और कश्मीर | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 11,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 9,000 रूपए प्रति क्विंटल | 11,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 11,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 12,000 रूपए प्रति क्विंटल |
जम्मू और कश्मीर | 12,000 रूपए प्रति क्विंटल | 14,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 10,000 रूपए प्रति क्विंटल | 14,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 13,000 रूपए प्रति क्विंटल | 15,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 16,000 रूपए प्रति क्विंटल | 17,500.00 रूपए प्रति क्विंटल |
ओडिशा | 20,000 रूपए प्रति क्विंटल | 22,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 2,500 रूपए प्रति क्विंटल | 3,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 3,000 रूपए प्रति क्विंटल | 3,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 3,300 रूपए प्रति क्विंटल | 3,300 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 3,500 रूपए प्रति क्विंटल | 3,500 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 3,500 रूपए प्रति क्विंटल | 3,800 रूपए प्रति क्विंटल |
उत्तराखण्ड | 3,500 रूपए प्रति क्विंटल | 4,500 रूपए प्रति क्विंटल |
हरियाणा | 5,000 रूपए प्रति क्विंटल | 5,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 5,000 रूपए प्रति क्विंटल | 6,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हरियाणा | 6,000 रूपए प्रति क्विंटल | 7,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 7,000 रूपए प्रति क्विंटल | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 6,800 रूपए प्रति क्विंटल | 8,100 रूपए प्रति क्विंटल |
हरियाणा | 6,000 रूपए प्रति क्विंटल | 8,500 रूपए प्रति क्विंटल |
पंजाब | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल | 9,000 रूपए प्रति क्विंटल |
हिमाचल प्रदेश | 8,000 रूपए प्रति क्विंटल | 9,000 रूपए प्रति क्विंटल |
मशरूम से खाद्य पदार्थ
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि भारत में अब कृत्रिम रूप से मशरूम की खेती की जाती है जिससे आपको आसानी से अपनी के आसपास के बाजार में मशरूम उपलब्ध मिलेगा। इसका मूल्य भी काफी कम होता है जिस कारण इसे हर कोई आसानी से खरीद सकता है।
मशरूम को हम अपनी रसोई में तो इस्तेमाल करते ही हैं लेकिन अब इसके बहुत से पैकेट फूड भी तैयार किए जाने लगे हैं जो कि आपको अपने आसपास की ऑनलाइन या ऑफलाइन मार्केट में आसानी से मिल जाएगा।
जैसे कि मशरूम का पैकेट सूप, मशरूम का सॉस, मशरूम का जैम , आचार, कुकीज, नूडल्स, ब्रेड, चकली, प्रोटीन पाउडर, हेल्थ ड्रिंक, चॉकलेट, बच्चों के लिए बनाया जाने वाला पोषक आहार इन सब में मशरूम का किसी ना किसी प्रकार से इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसे हर वर्गके लोग पसंद भी कर रहें है।
आजकल लोग डाइटिंग पर ज्यादा ध्यान देते हैं इसीलिए उनके लिए मशरूम एक अच्छा ऑप्शन है जिससे उनकी बॉडी में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व भी चले जाते हैं और वे अपनी डाइट भी मेंटेन करके रख सकते हैं।
गुच्छी मशरूम
जैसा कि हमने ऊपर बताया भारत में प्राकृतिक रूप से उगने वाले मशरूम भी पाए जाते हैं इसी तरह गुच्छी मशरूम भी कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों में प्राकृतिक रूप से पनपता है गुच्छी मशरूम की बहुत सी प्रजातियां पाई जाती है जो की पहाड़ियों में वसंत के महीने में उगती है। इसमें भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं यह वहां के स्थानीय लोगों द्वारा बताया गया, जिस वजह से इसकी कीमत भी काफी ज्यादा ली जाती है।
गुच्छी मशरूम को पहाड़ियों पर से तोड़कर लाना कोई आसान काम नहीं है पहाड़ों के ऊपर जाकर इसे ढूंढना पड़ता है कई बार मशरूम तोड़ने के चक्कर में वहां के स्थानीय लोग जख्मी भी हो जाते हैं।
गुच्छी मशरूम को पहाड़ से तोड़कर लाने के बाद इसे धूप में 5 से 6 दिन तक सुखाया जाता है धूप में सुखाने के बाद यह मशरूम छोटे-छोटे हो जाते हैं यह दिखने में भी सब मशरूम तरह नहीं होते यह काले रंग के होते हैं और बिल्कुल मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखते हैं।
गुच्छी मशरूम की अच्छी गुणवत्ता वाली प्रजाति को वहां के स्थानीय बाजारों में 30,000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है जबकि मशरूम की कम गुणवत्ता वाली प्रजाति को वहां के स्थानीय बाजारों में 12000 रुपए प्रति किलो तक में बेचा जाता है।
कश्मीर के रेस्टोरेंट एवं होटल के मालिक गुच्छी मशरूम को मुंह मांगी कीमत पर खरीदने के लिए तैयार रहते हैं क्योंकि इस मशरूम में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाई जाती है इसके अलावा वहां इस मशरूम से बने व्यंजन सूप सलाद और कई तरह के व्यंजन इन सब की डिमांड बहुत ज्यादा है।
निष्कर्ष
हमने आज अपने आर्टिकल के माध्यम से भारत में पाए जाने वाले गुच्छी मशरूम के बारे में चर्चा की है इसके साथ ही साथ भारत के कुछ राज्यों में अभी मशरूम की भाव किस प्रकार चल रहे हैं यह बताया है।
हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में आज तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।