सोयाबीन की फसल मंडियों में आना शुरू हो चुकी है इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा काफी अच्छी फसल की पैदावार हुई है इसके साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन के तेल की मांग काफी अधिक है।
जिसके कारण सोयाबीन का भाव अंतरराष्ट्रीय मार्केट से भी जुड़ा रहता है। सरकार द्वारा सोयाबीन की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू किया जा चुका है।
पिछले कुछ वर्षों से भारत में भी सोयाबीन की उन्नत किस्म की खेती की जा रही है और अच्छी गुणवत्ता वाली बीज का इस्तेमाल खेती के लिए किया जा रहा है जिससे पैदावार क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई है।
अब धीरे-धीरे सोयाबीन का बाजार काफी बड़ा हो चुका है। अब लोग सोयाबीन से बनने वाले खाद्य पदार्थ का उपयोग कर रहे हैं।
सोयाबीन में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जिस कारण इसे शाकाहारी लोग बहुत ज्यादा पसंद करते हैं।
सोयाबीन के बीज से तेल निकलने के बाद उसके बचे हुए भूसे से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ निर्मित किए जाते हैं जो काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
डाइटिंग करने वाले लोगों की पहली पसंद बन चुका है सोयाबीन, आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि सोयाबीन का मूल्य आसपास की मंडियों में अभी क्या चल रहा है।
इसके साथ ही सरकार द्वारा कितना न्यूनतम समर्थन मूल्य सोयाबीन के लिए जारी किया गया है इसके अलावा सोयाबीन से बनने वाले खाद्य पदार्थ किस प्रकार के होते हैं? तो चलिए जानते हैंl
भारत में फसलों के उत्पादन को दो प्रकार से बांटा गया है खरीफ की फसल दूसरा रबी की फसल जिसमें से खरीफके फसल के अंतर्गत ज्वार, बाजरा, तुवर दाल, उड़द, जूट, कपास, मूंगफली, सोयाबीन यह सब आता है।
भारत में सोयाबीन का उत्पादन राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश इन सभी राज्यों में प्रचुर मात्रा में किया जाता है केवल मध्यप्रदेश में पूरे देश का 50% सोयाबीन का उत्पादन किया जाता हैं। कुछ वर्षों से देश में सोयाबीन की उत्पादन क्षमता में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य
सरकार द्वारा कुछ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लगाया जाता है जिससे कि किसानों को इसका लाभ मिले,अच्छी गुणवत्ता वाले फसल के अच्छे मूल्य किसानों को व्यापारी के द्वारा प्राप्त हो जाते हैं।
लेकिन जिस फसलों की गुणवत्ता उतनी अच्छी नहीं होती है उन्हें मंडियों में व्यापारियों द्वारा बहुत ही कम दाम में खरीदा जाता है जिससे किसान को मुनाफा तो नहीं होता और उसकी लागत भी नहीं निकल पाती है।
जिस कारण इंसानों को घाटा लग जाता है इसीलिए सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य या हम इसे सरकारी दाम भी कह सकते हैं यह लागू किया जाता है।
इस वर्ष सोयाबीन की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य 3950 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है किसान इस मूल्य पर अपनी फसल बेच सकते हैं।
अगर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा मूल्य अपने फसल के प्राप्त हो तो किसान बहुत आसानी से अपने फसल बेच सकते हैं।
लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे जाकर के किसान अपनी फसल नहीं बेच सकते हैं और व्यापारियों भी सरकार द्वारा जितना न्यूनतम समर्थन मूल्य रखा गया है वह उतना ही या उससे ज्यादा मूल्य पर अपनी फसल खरीद सकते हैं।
कुछ मंडियों में सोयाबीन का मूल्य
कृषि उपज मंडिया | न्यूनतम भाव | अधिकतम भाव |
उज्जैन मंडी | 4195 | 7690 |
रतलाम मंडी | 5180 | 7730 |
हरदा मंडी | 4515 | 7790 |
विदिशा मंडी | 4395 | 7700 |
अमरावती मंडी | 4895 | 7050 |
महाराष्ट्र- जालना मंडी | 4080 | 7300 |
बारा मंडी | 5095 | 7630 |
करंजा मंडी-महाराष्ट्र | 3665 | 7090 |
जावरा मंडी | 3450 | 7650 |
इंदौर मंडी | 5015 | 7700 |
बासवारा मंडी | 5140 | 7580 |
मंदसौर मंडी | 4085 | 7720 |
गुजरात राजकोट मंडी | 4420 | 7380 |
उत्तर प्रदेश ललितपुर मंडी | 4580 | 5900 |
कोटा मंडी | 4855 | 7600 |
मांलगढ़-राजस्थान मंडी | 5015 | 7630 |
बिहार बेगूसराय मंडी | 4000 | 4290 |
टोंक मंडी | 6025 | 7640 |
प्रतापगढ़ मंडी | 7345 | 7660 |
किशनगंज मंडी | 5170 | 6940 |
सोयाबीन का बाजार
सोयाबीन में भारी मात्रा में पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं मांस, मछली और अंडा से भी ज्यादा प्रोटीन सोयाबीन में पाया जाता है शाकाहारी लोग सोयाबीन को काफी पसंद करते हैं।
अब बाजार एवं ऑनलाइन मार्केट में आपको सोयाबीन के नए-नए उत्पाद आसानी से देखने को मिल जाएंगे। अब सोयाबीन से सोया सॉस, स्प्राउट, सोयाबीन का आटा, कुकी,
सोया चिल्ली सॉस, चॉकलेट, सोया बड़ी, सोया मिल्क, सोयाबीन का तेल, सोयाबीन के पौष्टिक आहार छोटे बच्चों के लिए, प्रोटीन पाउडर, हेल्थ ड्रिंक, सोया नगेट्स इत्यादि आपको आसानी से मिलेंगे।
बाजार में चाइनीस, कॉन्टिनेंटल, पिज़्ज़ा, पास्ता इन सभी व्यंजनों में सोयाबीन और सोयाबीन से बनने वाले खाद्य पदार्थ जैसे सोया सॉस, सोया नगेट्स, सोया की चिल्ली सॉस यह सभी इस्तेमाल किए जाते हैं।
हर आयु वर्ग के लोगों को सोयाबीन पसंद है। अब लोग वेजिटेरियन से विगेन हो रहे हैं जो गाय की दूध की बजाए सोयाबीन के दूध का उपयोग अपने दैनिक जीवन में कर रहे हैं धीरे-धीरे सोया मिल्क का मार्केट भी काफी बड़ा होता जा रहा है।
इन सबके अलावा सोयाबीन का तेल हर घर की रसोई में आज कल देखने को मिल जाएगा। इसके साथ ही साथ विदेशी बाजारों में भी सोयाबीन का तेल, तिल का तेल, बादाम का तेल इन सब की डिमांड बहुत ज्यादा है।
सोयाबीन में प्रोटीन
सोयाबीन में भारी मात्रा में आयरन, विटामिन B12, अमीनो अम्ल, विटामिन बी, मिनरल, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम यह सभी पाए जाते हैं।
सोयाबीन में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी काफी अधिक होती है सोयाबीन शुगर पेशेंट के लिए काफी लाभदायक है सोयाबीन का नियमित रूप से सेवन करने से यह शुगर को कंट्रोल में रखता है। सोयाबीन में भारी मात्रा में कैल्शियम भी पाया जाता है जो हमारे शरीर की हड्डियों के लिए काफी अच्छा होता है।
सोयाबीन में आयरन भी होता है जिससे हमारे शरीर को एनीमिया जैसी रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है ।सोयाबीन का नियमित रूप से सेवन करने से हमारी आंखों की रोशनी, बाल, नाखून यह सभी स्वस्थ रहते हैं।
निष्कर्ष
हमने आज अपने आर्टिकल के माध्यम से सभी किसान भाइयों को उनके आसपास की मंडी में सोयाबीन का भाव अभी क्या चल रहा है। इसकी जानकारी प्रदान की है इसके साथ ही साथ सरकार द्वारा कितना न्यूनतम समर्थन मूल्य सोयाबीन की फसल के लिए रखा गया यह भी बताया है ।
सोयाबीन में काफी पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। अभी बाजार में सोयाबीन तेल का भाव काफी ऊपर पहुंच गया है।
सोयाबीन तेल का भाव 180 रुपए प्रति लीटर पर जा चुका है जिससे व्यापारियों एवं मंडी के जानकारों का कहना है कि इस वर्ष सोयाबीन की फसल के अच्छे भाव मिलने के आसार हैं। हम आशा करते हैं कि आप हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।