मशरूम की बहुत सी प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं जिनमें से कुछ प्रजातियों का उपयोग खाने में किया जाता है।
भारतीय बाजारों में मशरूम की कीमत बहुत अधिक नहीं होती है जिससे मशरूम हर कोई आसानी से खरीद सकता है।
लेकिन भारत के ही कुछ मशरूम की प्रजातियां ऐसी हैं जिन्हें कृत्रिम तौर पर तो उगाया नहीं जाता लेकिन यह पहाड़ियों में मिलती है और बहुत ही ऊंचे दामों पर बिकती है।
भारत में कुछ वर्षों से मशरूम की कृत्रिम रूप से खेती की जा रही है जिससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है और किसानों का रुझान इस खेती की ओर बढ़ता ही जा रहा है।
भारत में सबसे ज्यादा अभी बिहार में मशरूम की खेती की जा रही है भारत में ऑस्टर मशरूम, दूधिया मशरूम, शिप मशरूम और बटन मशरूम इन सब की खेती की जाती है।
मशरूम की कृत्रिम रूप से खेती कोई भी कर सकता है चाहे वह महिला हो या पुरुष बस खेती करने से पहले आपको इस से जुड़े कुछ जानकारियां प्राप्त करनी होंगी और उसके साथ ही साथ कुछ प्रशिक्षण भी लेना होगा।
सरकार द्वारा भी समय-समय पर बहुत से आयोजनों द्वारा खेती की उच्च तकनीक की जानकारियां प्रदान की जाती है।
इसके साथ ही साथ सरकार बहुत ही कम ब्याज दर पर किसानों को खेती करने के लिए ऋण उपलब्ध करवाती है।
आज हम अपने आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे अभी भारत की कुछ प्रमुख मंडियों में मशरूम का मूल्य क्या चल रहा है।
इसके साथ ही साथ हम जानेंगे भारत में कश्मीर की पहाड़ियों पर मिलने वाले एक अति दुर्लभ मशरूम के बारे में जिसकी कीमत हजारों में है।
इसके साथ ही साथ हम जानेंगे भारत के किन किन राज्य में मशरूम की खेती की जाती है। तो चलिए जानते हैं।
मंडी में मशरूम का भाव
मशरूम का मूल्य आपको हर मंडी में अलग-अलग देखने को मिल जाएगा। एक ही राज्य के अलग-अलग मंडी में अलग-अलग भाव होते हैं।
जैसे हिमाचल प्रदेश के नहान मंडी में मशरूम अभी आपको 7000 रुपए प्रति क्विंटल से लेकर के 8000 रुपए प्रति क्विंटल पर मिलेगा।
जबकि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर मंडी में मशरूम का मूल्य आपको 10000 रुपए प्रति क्विंटल से शुरू होकर के 11000 रुपए प्रति क्विंटल पर उपलब्ध मिलेगा।
मशरूम का मूल्य पूरी तरह से उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करता है। अभी कश्मीर के कठुआ मंडी में न्यूनतम मूल्य 12000 रुपए प्रति क्विंटल से शुरू होकर के अधिकतम मूल्य 14000 रुपए प्रति क्विंटल पर उपलब्ध है।
मशरूम का मंडी रेट
राज्य | जिला मंडी | अधिकतम भाव |
ओडिशा | केसिंगा | 22,000 |
हिमाचल प्रदेश | कुल्लू | 15,000 |
हिमाचल प्रदेश | कुल्लू | 15,000 |
जम्मू और कश्मीर | कठुआ | 14,000 |
हिमाचल प्रदेश | पांवटा साहिब | 14,000 |
हिमाचल प्रदेश | सोलन | 12,000 |
जम्मू और कश्मीर | नरवाल जम्मू (एफ एंड वी) | 11,000 |
पंजाब | बस्सी पटना | 11,000 |
हिमाचल प्रदेश | बिलासपुर | 11,000 |
पंजाब | फरीदकोट | 10,000 |
हिमाचल प्रदेश | ऊना | 10,000 |
पंजाब | जालंधर सिटी (जालंधर) | 9,100 |
पंजाब | मनसा | 9,000 |
हिमाचल प्रदेश | कांगड़ा (जसौर) | 9,000 |
हरियाणा | थानेसर | 8,500 |
पंजाब | जालंधर सिटी (जालंधर) | 8,100 |
पंजाब | बरनाला | 8,000 |
हिमाचल प्रदेश | नहान | 8,000 |
हरियाणा | सधौरा | 7,000 |
हिमाचल प्रदेश | चंबा | 6,000 |
हरियाणा | शहजादपुर | 5,000 |
उत्तराखण्ड | देहरादून | 4,500 |
हिमाचल प्रदेश | कांगड़ा (जयसिंहपुर) | 3,800 |
हिमाचल प्रदेश | पालमपुर | 3,650 |
हिमाचल प्रदेश | पालमपुर | 3,500 |
पंजाब | पटरान | 3,300 |
पंजाब | बाघापुराण | 3,000 |
पंजाब | मोरिंडा | 3,000 |
पंजाब | नवां शहर (सब्जी मंडी) | 1,700 |
मशरूम का उत्पादन
भारत में कृत्रिम रूप से मशरूम की खेती की जा रही है। जिसके अंतर्गत हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, कर्नाटका, उत्तराखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु एवं बिहार इन सभी राज्यों में मशरूम की खेती की जाती है।
यहां के किसानों का कहना है कि मशरूम की खेती कम लागत में ज्यादा मुनाफा देती है इसीलिए वह मशरूम की खेती करते हैं। अभी पूरे भारत का लगभग 10 से 12% मशरूम केवल बिहार में उत्पादन हो रहा है।
गुच्छी मशरूम
यह मशरूम कश्मीर की पहाड़ियों में पाया जाता है। इस मशरूम को खोज पाना बहुत ही दुर्लभ है।
पहाड़ियों के कठिन रास्तों से होकर के अंदर की ओर जाने पर गुच्छी मशरूम मिलता है। यहां के स्थानीय नागरिकों द्वारा इस मशरूम का नाम गुच्छी मशरूम रखा गया है।
इस मशरूम की डिमांड कश्मीर में बहुत ज्यादा है वहां के होटल एवं रेस्टोरेंट में गुच्छी मशरूम से काफी सारे व्यंजन बनाए जाते हैं।
गुच्छी मशरूम का सूप कश्मीर के रेस्टोरेंट्स और होटलों में काफी बिकता है गुच्ची मशरूम पूरे साल भर नहीं पाया जाता।
यह केवल बसंत के महीने में ही पाया जाता है इसी कारण से इस मशरूम की डिमांड काफी ज्यादा रहती है।
यह दिखने में दूसरे मशरूम की अपेक्षा बिल्कुल अलग होता है गुच्छी मशरूम दिखने में काले रंग का होता है।
यह मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखता है। पहाड़ों पर से ढूंढ के तोड़कर लाने के बाद वहां के स्थानीय लोग इसे पहले 5 से 7 दिन धूप में सुखाते हैं।
जिसके बाद यह सूखकर छोटा छोटा हो जाता है तब जाकर के इसे बाजारों में बेचा जाता है।
अगर वहां के स्थानीय नागरिकों को अच्छी गुणवत्ता वाला गुच्छी मशरूम प्राप्त हो जाता है तो इसकी कीमत 30,000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से लेते हैं।
अन्यथा गुच्छी मशरूम के दूसरी प्रजातियों का मूल्य लगभग 12 हजार रुपए प्रति किलो के हिसाब से लिया जाता है।
गुच्ची मशरूम को तोड़कर लाने के दौरान कभी-कभी वहां के स्थानीय नागरिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
उन्हें बहुत बार चोट भी लग जाती है। गुच्छी मशरूम में भारी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं इसीलिए बाजार में इस मशरूम की काफी मांग रहती है।
मशरूम का बाजार
भारत में राजा महाराजाओं के समय से मशरूम का इस्तेमाल व्यंजन बनाने में किया जा रहा है। अब कुछ वर्षों से मशरूम का बाजार काफी बड़ा हो चुका है।
यहां कृत्रिम रूप से मशरूम की खेती की जा रही है जिससे उत्पादन क्षमता काफी बढ़ी है बाजार में अब आपको मशरूम से जुड़े पैकेट फूड्स के अलावा मशरूम के सूप, नूडल्स, बिस्किट, चॉकलेट, कुकीज, पापड़, चकली, अचार, जैम ,सॉस इत्यादि आसानी से मिल जाएंगे।
इसके अलावा मशरूम से विभिन्न प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाते हैं जिसका उदाहरण आप आजकल के रेस्टोरेंट, क्लाउड किचन या होटल में देख सकते हैं।
चाइनीस डिशेज में भी मशरूम का इस्तेमाल किया जाता है। मशरूम में भारी मात्रा में प्रोटीन होने के कारण डाइट कॉन्शियस लोग भी मशरूम का सेवन करते हैं।
निष्कर्ष
हमने आज अपने आर्टिकल के माध्यम से आप सभी को भारत में मशरूम के उत्पादन से जुड़ी सारी जानकारियां प्रदान की है इसके साथ ही साथ अभी भारत के कुछ मंडियों में मशरूम का मूल्य क्या चल रहा है यह भी बताया है ताकि मशरूम उत्पादन करने वाले किसान भाई सही मंडी में जा करके अपना फसल बेच सकें एवं ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाएं।
हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का यह आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।