Today Mushroom Bhav: भारत में मशरूम का बाजार काफी बड़ा है मशरूम का स्वाद भारतीय लोगों को बहुत पसंद है। पूरे विश्व में मशरूम की 10,000 के लगभग प्रजातियां पाई जाती है लेकिन उनमें से खाने लायक मशरूम केवल 70 से 80 प्रकार के हैं भारत की जलवायु के अनुसार यहां भी मशरूम को उगाया जाता है।
लेकिन भारत में कुछ ही प्रकार के मशरूम है जिसका उत्पादन किया जाता है इनमें से कुछ है दूधिया मशरूम, बटन मशरूम, ओयस्टर मशरूम, शिप मशरूम इत्यादि।
प्राचीन काल से मशरूम का इस्तेमाल भारतीय खानपान में किया जा रहा है। भारत में मशरूम की खेती ज्यादा से ज्यादा हो इसके लिए सरकार अपने ओर से काफी प्रयास कर रही है।
सरकार 50% तक अनुदान दे रही है उन किसान भाइयों को, जो मशरूम की खेती करना चाह रहे हैं। इसके अलावा कृषि विश्वविद्यालयों में मशरूम की खेती से जुड़ी सारी जानकारी दी जा रही है।
हम आज अपने आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि अभी भारत के मंडियों में मशरूम का क्या भाव चल रहा है ताकि जो किसान भाइयों ने मशरूम का उत्पादन किया है वह सही मंडी में अपना फसल बेचकर के ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमा सकें।
भारत में कश्मीर की पहाड़ियों में पाए जाने वाले एक दुर्लभ मशरूम के बारे में भी बात करेंगे, जिसकी कीमत 15000 रुपए से लेकर के 30,000 रुपए तक बाजार में है।
इसके अलावा हम जानेंगे भारत में मशरूम का उत्पादन कहां कहां किया जाता है ? और मशरूम में क्या-क्या पोषक तत्व पाए जाते हैं? तो चलिए जानते हैं।
मशरूम का भाव
हिमाचल प्रदेश के पालमपुर मंडी में जहां मशरूम का न्यूनतम भाव 3620 रुपए है अधिकतम भाव 3650 रुपए है वहीं हिमाचल प्रदेश के सोलन मंडी मे 10,000 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम भाव और अधिकतम 12,000 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य पर मंडी में उपलब्ध है।
जबकि पंजाब के बरनाल में 8,000 रुपए प्रति क्विंटल से 9,000 रुपए प्रति क्विंटल तक मशरूम मंडी में उपलब्ध है।
आपको हर राज्य के अलग-अलग मंडी में ही भाव काफी ऊपर नीचे मिलेंगे। मशरूम का मूल्य पूरी तरह से उसकी गुणवत्ता पर ही निर्भर करता है।
अगर बहुत अच्छी क्वालिटी का मशरूम है तो मार्केट में उसकी कीमत आपको निम्न गुणवत्ता वाले मशरूम की अपेक्षा अधिक मिलेगा।
अभी हाल के कुछ वर्षों से मशरूम का उत्पादन अधिक किया जाने लगा है क्योंकि बाजार में मशरूम की मांग काफी बढ़ गई थी और किसानों को मशरूम की खेती करके कम समय में ज्यादा लाभ प्राप्त हो रहा है।
शाकाहारी व्यंजनों में मशरूम का इस्तेमाल किया जाता है और मशरूम में बहुत ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं इसीलिए मशरूम शाकाहारी लोगों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है।
आजकल मार्केट में मशरूम से बने बहुत सारे खाद्य पदार्थ आ रहे हैं जो कि आपको ऑनलाइन मार्केट या फिर अपने आसपास की दुकानों में मिल जाएंगे।
जैसे मशरूम से बनने वाला प्रोटीन पाउडर, मशरूम का पापड़, चॉकलेट, नूडल्स, सूप ,टोस्ट, बिस्किट, जैम, कुकीज, आचार, चिप्स इसके अलावा बहुत सारी बेकरी प्रोडक्ट्स यह सब प्रोडक्ट आपको आजकल आसानी से मार्केट में मिल जाएंगे।
आजकल मार्केट में बहुत ज्यादा मशरूम की डिमांड हो गई है मशरूम से बनने वाले व्यंजन आपको हर होटल रेस्टोरेंट, छोटे-बड़े रेहड़ी एवं क्लाउड किचन में देखने को मिल जाएंगे।
भारत में मशरूम का उत्पादन
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि भारत में मशरूम के कुछ प्रजातियों की खेती की जाती है। मशरूम की खेती करने में कम लागत में ज्यादा फायदा किसानों को मिलता है।
इसी वजह से अब ज्यादा से ज्यादा युवा किसान मशरूम की खेती कर रहे हैं। मशरूम 2 से 3 महीने के अंदर तैयार हो जाता है।
जिससे किसानों को अपने फसल को बेचने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता है, इस कारण से भी किसानों का मशरूम की खेती करने के लिए रुझान बढ़ रहा है।
भारत में मशरूम का उत्पादन महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, बिहार,कर्नाटका, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड इन सभी राज्यों में किया जाता है परंतु अभी सबसे ज्यादा मशरूम का उत्पादन बिहार में हो रहा है।
हमारे देश में जितना मशरूम उत्पादन होता है उसका दसवां हिस्सा बिहार में उत्पादन किया जा रहा है।
गुच्छी मशरूम
कश्मीर की पहाड़ियों में पाया जाने वाला गुच्छी मशरूम अति दुर्लभ प्रजाति का होता है यह मशरूम पूरे वर्ष नहीं मिलता है।
यह केवल बसंत के महीने में पाया जाता है। यहां के स्थानीय लोगों को कहना है कि गुच्छी मशरूम को पहाड़ से तोड़कर लाने में काफी खतरों का सामना करना पड़ता है।
गुच्छी मशरूम को ढूंढने में पूरा दिन लग जाता है तब जाकर के लोगों को गुच्छी मशरूम मिलता है। वरना कभी-कभी तो उन्हें खाली हाथ ही वापस आना पड़ता है।
गुच्छी मशरूम देखने में मधुमक्खी के छत्ते की तरह होता है और यह काले रंग का होता है।
पहाड़ पर से तोड़कर लाने के बाद इस मशरूम को 1 हफ्ते तक धूप में सुखाया जाता है जब यह धूप में सूखने के बाद बहुत छोटे छोटे हो जाते हैं तब इन्हें बाजार में बेचा जाता है।
गुच्छी मशरूम की कीमत इसकी गुणवत्ता के आधार पर तय की जाती है अगर बहुत अच्छी गुणवत्ता वाला गुच्छी मशरूम मिला तो इसकी कीमत 30,000 रुपए तक दी जाती है लेकिन कम गुणवत्ता वाले गुच्छी मशरूम की कीमत 15000 रुपए तक होती है।
इस मशरूम की डिमांड काफी ज्यादा है बड़े-बड़े रेस्टोरेंट एवं होटल के मालिक इसे मुंह मांगी कीमत पर खरीदने को तैयार रहते हैं। गुच्छी मशरूम में भारी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं।
भारत के कुछ मंडीओ में मशरूम के भाव
राज्य | मंडी | भाव |
पंजाब | नवां शहर (सब्जी मंडी) | 1,700 |
पंजाब | बाघापुराण | 3,000 |
पंजाब | मोरिंडा | 3,000 |
पंजाब | पटरान | 3,300 |
हिमाचल प्रदेश | पालमपुर | 3,500 |
हिमाचल प्रदेश | पालमपुर | 3,650 |
हिमाचल प्रदेश | कांगड़ा (जयसिंहपुर) | 3,800 |
उत्तराखण्ड | देहरादून | 4,500 |
हरियाणा | शहजादपुर | 5,000 |
हिमाचल प्रदेश | चंबा | 6,000 |
हरियाणा | सधौरा | 7,000 |
पंजाब | बरनाला | 8,000 |
हिमाचल प्रदेश | नहान | 8,000 |
पंजाब | जालंधर सिटी (जालंधर) | 8,100 |
हरियाणा | थानेसर | 8,500 |
पंजाब | मनसा | 9,000 |
हिमाचल प्रदेश | कांगड़ा (जसौर) | 9,000 |
पंजाब | जालंधर सिटी (जालंधर) | 9,100 |
पंजाब | फरीदकोट | 10,000 |
हिमाचल प्रदेश | ऊना | 10,000 |
जम्मू और कश्मीर | नरवाल जम्मू (एफ एंड वी) | 11,000 |
पंजाब | बस्सी पटना | 11,000 |
हिमाचल प्रदेश | बिलासपुर | 11,000 |
हिमाचल प्रदेश | सोलन | 12,000 |
जम्मू और कश्मीर | कठुआ | 14,000 |
हिमाचल प्रदेश | पांवटा साहिब | 14,000 |
हिमाचल प्रदेश | कुल्लू | 15,000 |
हिमाचल प्रदेश | कुल्लू | 15,000 |
हिमाचल प्रदेश | मंडी (मंडी) | 17,500.00 |
ओडिशा | केसिंगा | 22,000 |
निष्कर्ष
हमने आज अपने आर्टिकल के माध्यम से भारत की कुछ मंडियों में अभी मशरूम का क्या भाव चल रहा है इसके बारे में किसान भाइयों को जानकारी दी है ताकि वह अपने फसल को सही जगह पर बेच सकें l
इसके साथ ही साथ मशरूम से जुड़ी और भी रोचक जानकारियों के बारे में आपको बताया है हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आज का आर्टिकल पसंद आया होगा। हमारे आर्टिकल में अंत तक बने रहने के लिए आपका धन्यवाद।