रोजाना लोगों के जीवन में प्रयोग में आने वाली वस्तुओं में सरसों का तेल भी सम्मिलित है. ऐसे में यदि इसके मूल्यों में भी उतार-चढ़ाव होता है, तो फिर यह लोगों के समक्ष तुरंत ही सुर्खियों का रूप धारण कर लेती है.
इसी प्रकार से सरसों के तेल के मूल्यों से संबंधित अभी हाल फिलहाल में ही एक बहुत बड़ी अपडेट निकल करके आ रही है. जिसके मुताबिक सरसों के तेल के मूल्यों में परिवर्तन संभव है.
यह परिवर्तन लाभकारी है
सौभाग्य से यह परिवर्तन सभी लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा सुखदायक है.
सर्वाधिक आवश्यक बात तो यह है, कि सरसों का तेल अपने सर्वाधिक उच्चतम स्तर से लगभग लगभग ₹65 प्रति लीटर के हिसाब से सस्ता हो चुका है.
जिससे कि आप इसको बेहद सरलता पूर्वक खरीद करके अपने दैनिक जीवन में इसका प्रयोग कर सकते हैं. अभी सरसों के तेल के मूल्यों में ज्यादा गिरावट देखी जा सकती है.
ना केवल सरसों के तेल में अपितु रिफाइंड ऑयल के मूल्यों में भी गिरावट हुई है. लेकिन सरसों के तेल में अपेक्षाकृत अधिक गिरावट है, ऐसे में यदि आप इसकी खरीदारी करते हैं. तो फिर इससे आपको मुनाफा ही प्राप्त होगा.
खुदरा मार्केट के जानकार
यदि खुदरा मार्केट के जानकारों की माने तो उनका यह कहना है, कि आने वाले कुछ दिनों में सरसों के तेल के दाम में काफी ज्यादा वृद्धि हो सकती है.
इस वजह से यदि आप अभी जा करके इनकी खरीदारी करते हैं तो फिर इससे आप सरलता पूर्वक स्वयं का लाभ करा सकते हैं.
अभी जब सरसों के तेल के मूल्य में इतनी ज्यादा गिरावट हो चुकी है, तो फिर उत्तर प्रदेश राज्य के लोग सरसों की तेल की खरीदारी हेतु बड़े उत्सुक है और वह बड़ी ही प्रसन्नता के साथ सरसों के तेल की खरीदारी भी कर रहे हैं.
इसका मुख्य कारण सरसों के तेल के मूल्यों में गिरावट ही है. इसके अतिरिक्त इस बात की भी प्रबल संभावनाएं जताई जा रही है, कि आने वाले कुछ दिनों में सरसों के तेल के मूल्यों में भी महंगाई का प्रकोप साफ तौर से देखा जा सकेगा.
जानें क्या है सरसों तेल का ताजा रेट?
देश की राजधानी नई दिल्ली के निकट ही उत्तर प्रदेश का एक जिला गाजियाबाद अवस्थित है. यहां पर सरसों तेल का मूल्य ₹145 प्रति लीटर के हिसाब से निर्धारित किया गया है.
जिससे हर किसी के मुख पर प्रसन्नता की छवि साफ तौर से देखी जा सकती है.
यदि आप चाहे तो फिर आप सरसों तेल की खरीदारी कर अपने बजट में बहुत ही बड़ी धनराशि की बचत कर सकते हैं.
इसके अतिरिक्त यदि बात की जाए नोएडा शहर की तो यहां पर सरसों के तेल का मूल्य ₹147 प्रति लीटर के हिसाब से निर्धारित किया गया है. जिससे कि आपको सफलता पूर्वक मुनाफा प्राप्त हो सके.
बुलंदशहर और मुजफ्फरनगर में है यह मूल्य
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सरसों तेल के मूल्य ₹146 प्रति लीटर के हिसाब से तय किए गए हैं, जिसे हर किसी के लिए बजट फ्रेंडली बना दिया गया है.
इस एक परिवर्तन के परिणाम स्वरुप देश में रहने वाले लाखों लोगों के मुख पर मुस्कान आ चुकी है.
अभी सरसों का तेल खरीदने का यह सर्वाधिक अनुकूल समय है, क्योंकि इसके पश्चात संभवतः आपको पछताना पड़ सकता है. इससे बाजारों में ग्राहकों की भीड़ भी बढ़ती दिख रही है.
इस महीने बुलंदशहर में सरसों के तेल का मूल्य ₹143 प्रति लीटर के हिसाब से तय कर दिया गया था.
पिछले महीने के आखिरी दिनों में सरसों तेल के मूल्य मुजफ्फरनगर में ₹153 प्रति लीटर कर दिए गए थे.
यदि जानकारों की मानें तो यदि आप सरसों का तेल इस समय में नहीं खरीदते हैं, तो फिर आपको भविष्य में पछताना पड़ सकता है.
शादियों का सीजन
साल के आखिरी महीने अर्थात दिसंबर के महीने में देश में बहुत सारी शादियां होती है और शादियों में खाना-पीना ना हो ऐसा थोड़ी ना संभव है!
सरसों तेल के मूल्य में होने वाली यह गिरावट शादियों के सीजन में और भी ज्यादा प्रसन्नता लोगों के मुख पर ला रही है, क्योंकि अब लोगों को शादियों में कम पैसों में तेल खरीदने का अवसर प्राप्त हो पाएगा.
इसके अतिरिक्त बहुत सारे लोग तो सरसों तेल को खरीद कर अपने भविष्य के प्रयोग के लिए भी रख ले रहे हैं.
यदि आप भी उन समझदार व्यक्तियों में सम्मिलित है, तो फिर आपको बिल्कुल भी विलंब नहीं करना चाहिए.
सरसों, एक तिलहन फसल
सरसों की गिनती एक तिलहन फसल में आती है, सरसों तेल सरसों के बीजों से निकाला जाता है और सरसों के बीजों को खेती के माध्यम से प्राप्त किया जाता है.
सरसों की खेती करने के लिए सबसे पहले तो खेत में हल से जुताई की जाती है. उसके पश्चात मिट्टी को समतल बनाकर के सरसों के बीजों को खेत में बिखेर दिया जाता है.
समय के साथ-साथ पानी और धूप की सहायता से यह बीज पौधों का रूप धारण कर लेते हैं और धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं. कुछ ही महीनों में इनके बीज भी पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं.
बीज से तेल निकालने की प्रक्रिया
उन बीजों से तेल बनाने की प्रक्रिया सफलतापूर्वक की जा सकती है, किंतु यदि सरसों की खेती करने वाले कृषकों की मानें तो उनका यह कहना होता है कि,
सरसों के बीजों से तुरंत यदि तेल निकाला जाए तो तेल अपेक्षाकृत कम ही निकलता है.
ऐसे में सरसों को कुछ महीनों तक के लिए या फिर 1 साल तक के लिए छोड़ देना होता है. उसके पश्चात इससे तेल निकाला जाए तो अपेक्षाकृत अधिक तेल की प्राप्ति होती है.
अक्सर यह भी देखने को मिलता है कि लोग पूरी मेहनत के साथ सरसों की खेती करते हैं और सरसों के बीज भी उच्चतम कोटि के प्राप्त कर लेते हैं,
किंतु तेल निकालने की जब बारी आती है तो फिर तेल अपेक्षाकृत बहुत कम निकलता है.
लेकिन यदि सरसों के बीज को कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाए तो फिर इससे अधिक तेल निकाला जा सकता है.
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने आप सभी लोगों के समक्ष सरसों के तेल से संबंधित सारी आवश्यक जानकारियां उल्लेखित कर दी है,
हमें आशा है कि हमारे द्वारा प्रदान की गई यह सभी जानकारियां आप को लाभान्वित करेंगे.